Jharkhand Government Help Workers: झारखंड (Jharkhand) के हजारीबाग (Hazaribagh) जिले में चानो गांव के रहने वाले चेतलाल महतो (Chetlal Mahato) ने घर वापस आने की सारी उम्मीदें खो दी थीं. मगर वो और 29 अन्य लोग राज्य सरकार के हस्तक्षेप के बाद इस साल मई और जून में मलेशिया में वापस आ सके. ये सभी मलेशिया में एक निजी कंपनी में काम करते थे और दक्षिण पूर्वी एशियाई देश में फंस गए थे. उन्हें उनका बकाया भी मिल गया है. ये लोग मलेशिया (Malaysia) के कुआलालंपुर में श्रमिक के तौर पर 2019 से काम कर रहे थे. उन्होंने सोशल मीडिया (Social Media) के जरिए झारखंड सरकार (Jharkhand Government) से उनकी वापसी में मदद करने की गुहार लगाई थी. इसी तरह अंडमान में 3 दशक तक बंधुआ मजदूर रहे फुचा महली भी सरकार की मदद से झारखंड लौट सके थे.
3 हजार से ज्यादा मजदूरों को सुरक्षित वापस लाया गया
राज्य सरकार ने दावा किया है कि पिछले 3 महीनों में 3 हजार से ज्यादा मजदूरों को सुरक्षित वापस लाया गया है. झारखंड सरकार ने कहा कि पिछले ढाई साल में विभिन्न राज्यों और अन्य देशों में फंसे लाखों श्रमिकों को उनके गृह राज्य वापस लाया गया है. सरकार ने कहा कि, ''मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश के बाद, श्रमि विभाग और राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष ने मजदूरों की ना सिर्फ सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने की कोशिश की बल्कि ये भी कोशिश की कि उनकी बकाया मजदूरी भी उन्हें मिले.''
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2.27 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया
सरकारी बयान के मुताबिक, ''27 मार्च 2020 से 30 जून 2022 तक 3108 श्रमिकों/कामगारों को लाभांवित करने के लिए 2.27 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है.'' बयान में कहा गया है कि राज्य सरकार ने 168 कामगारों के परिवारों को उनकी मृत्यु के बाद 6.39 करोड़ रुपये दिए गए हैं.
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