Jharkhand News Today: झारखंड में सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों ने मंगलवार (19 अगस्त) को बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली का बहिष्कार किया. डॉक्टरों ने  इसे आपातकालीन सेवाओं के लिए "अव्यवहारिक" करार दिया.


डॉक्टरों ने दावा किया कि वे अपने कार्य स्थल- अस्पताल और स्वास्थ्य केंद्र- पर समय पर पहुंच गए, लेकिन विरोध के तौर पर बायोमेट्रिक उपस्थिति नहीं दर्ज कराई. इस दौरान डॉक्टरों ने बायोमेट्रिक की बजाय पुराने तरीके से हाजिरी लगाई.


IMA, JHS का बायोमेट्रिक का बहिष्कार
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के एक अधिकारी ने बताया कि बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली का बहिष्कार करने का फैसला 11 अगस्त को आईएमए की झारखंड इकाई और झारखंड स्वास्थ्य सेवा संघ (जेएचएसए) की संयुक्त बैठक में लिया गया.


यह बैठक सरकार के उस आदेश के बाद हुई, जिसमें सभी सरकारी कर्मचारियों को बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली का उपयोग करने के लिए कहा गया है. जेएचएसए के राज्य सचिव मृत्युंजय ठाकुर सिंह ने कहा कि पत्र में आपातकालीन सेवाओं का जिक्र नहीं है.


आईएमए जताई ये चिंता
राज्य सचिव मृत्युंजय ठाकुर सिंह ने कहा, "इसमें सामान्य कर्मचारियों के लिए सुबह 10:30 बजे से शाम पांच बजे तक ड्यूटी का समय तय किया गया है, जबकि सचिवालय कर्मचारियों के लिए यह समय सुबह 10:30 बजे से शाम छह बजे तक है."


उन्होंने कहा कि "क्या चिकित्सक इस निर्धारित समयावधि में काम कर सकते हैं? अगर कोई चिकित्सक आपातकालीन स्थिति में अतिरिक्त घंटे काम करता है, तो क्या उसे सेवा के लिए अतिरिक्त भुगतान किया जाएगा? पत्र में इन बातों को स्पष्ट नहीं किया गया है."


'पुलिस- डॉक्टरों के लिए बायोमेट्रिक व्यवहार्य नहीं'
झारखंड आईएमए के सचिव प्रदीप कुमार सिंह ने कहा कि यह आदेश उन लोगों पर लागू नहीं किया जा सकता जो पुलिस और चिकित्सा जैसी आपातकालीन सेवाओं में हैं, क्योंकि यह "व्यवहार्य नहीं होगा."


उन्होंने कहा, "यह उन लोगों के लिए संभव हो सकता है जिनके ड्यूटी के घंटे तय हैं. डॉक्टरों के ड्यूटी के घंटे तय नहीं हैं. अगर कोई चिकित्सक ऑपरेशन थियेटर में गंभीर सर्जरी में लगा हुआ है तो वह बायोमेट्रिक नियमों का पालन नहीं कर सकता है."