National Human Rights Commission of India: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने धनबाद में मिलावटी दूध बेचे जाने की खबरों को लेकर सोमवार को झारखंड सरकार, राज्य के पुलिस प्रमुख और स्वास्थ्य मंत्रालय में स्वास्थ्य सेवाओं के महानिदेशक को नोटिस जारी किया. एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी. आयोग ने एक बयान में कहा कि उसने मीडिया में 30 दिसंबर को आई उस खबर का स्वत: संज्ञान लिया है कि ‘‘धनबाद में लाभ कमाने के लिए एक लीटर दूध में रिफाइंड और कास्टिक सोडा मिलाकर उसे 15 लीटर मिलावटी दूध बनाया जा रहा है.’’
छह सप्ताह में रिपोर्ट मांगी गई है
बयान में कहा गया कि बताया जाता है कि पहले दूध में सिर्फ पानी मिलाया जाता था, लेकिन अब लोगों की सेहत की कीमत पर मुनाफा कमाने के लिए मिलावटी दूध बनाने के लिए यूरिया और स्टार्च का इस्तेमाल किया जा रहा है जबकि ‘लैक्टोमीटर’ द्वारा भी ऐसे दूध में मिलावट का पता नहीं लग पाता. बयान में कहा गया कि इस मामले में नोटिस जारी कर छह सप्ताह में रिपोर्ट मांगी गई है.
एनएचआरसी की एक विज्ञप्ति के अनुसार कथित तौर पर पहले दूध में केवल पानी मिलाया जाता था लेकिन अब लोगों के स्वास्थ्य की कीमत पर मुनाफा कमाने के लिए नकली दूध बनाने के लिए यूरिया, सर्फ और स्टार्च का इस्तेमाल किया जा रहा है. इस नकली दूध का पता लैक्टोमीटर भी नहीं लगा सकता. कथित तौर पर, नकली दूध से पेट में संक्रमण हो सकता है जिससे कैंसर हो सकता है. आयोग ने पाया है कि मीडिया रिपोर्ट की सामग्री, यदि सत्य है, तो यह लोगों के अधिकारों से संबंधित स्वास्थ्य के उल्लंघन के समान है. हालांकि, इसकी सामग्री को देखते हुए, प्रथम दृष्टया, यह लोक सेवकों की ओर से दोषी लापरवाही प्रतीत होती है.
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