Jharkhand Para Teacher News: झारखंड (Jharkhand) के सरकारी स्कूलों में 64 हजार ऐसे शिक्षक वर्षों से कार्यरत हैं, जो एक तयशुदा मानदेय पर काम करते हैं, लेकिन उनकी सेवा स्थायी नहीं है. राज्य सरकार ने ऐसे शिक्षकों को पारा टीचर (Para Teacher) का नाम दे रखा है. इन पारा टीचर्स के लिए राज्य सरकार ने नई सेवा शर्त नियमावली तैयार कर ली है, जिसे आगामी एक जनवरी 2022 से लागू किया जा सकता है. इस नियमावली के ड्राफ्ट पर मंगलवार को राज्य के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो (Jagarnath Mahto) ने पारा टीचर्स के प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक की. सरकार ने स्पष्ट किया है कि तकनीकी वजहों से इनके लिए पे स्केल लागू नहीं होगा, लेकिन नई सेवा शर्त नियमावली के अनुसार टीचर एलिजिब्लिटी टेस्ट पास करने वाले ऐसे शिक्षकों को मिलने वाली मानदेय राशि में एकमुश्त 50 प्रतिशत की बढ़ोतरी की जाएगी. जिन शिक्षकों ने टेट परीक्षा पास नहीं की है, उनका मानदेय 40 प्रतिशत बढ़ेगा.


आकलन परीक्षा आयोजित की जाएगी
टेट परीक्षा पास नहीं करने वाले पारा टीचर्स के लिए चार बार आकलन परीक्षा आयोजित की जाएगी. इसमें पास करने के बाद उनके मानदेय में अलग से 10 फीसदी बोनस के रूप में बढ़ोतरी होगी. पारा शिक्षकों का पदनाम भी बदल दिया जाएगा. नई नियमावली के अनुसार इन्हें नियोजित शिक्षक के रूप में जाना जाएगा. नियमावली ड्राफ्ट के अनुसार आकलन परीक्षा पास करने के लिए सामान्य श्रेणी के पारा शिक्षकों को 40 फीसदी और रिजर्व श्रेणी के पारा शिक्षकों को 30 फीसदी अंक लाना होगा. 






सरकार बिहार की तर्ज पर नियमावली लागू करे
सरकार ने ये भी स्पष्ट किया है कि आंदोलन के दौरान पारा शिक्षकों पर सरकार की ओर से जितने भी मुकदमे दर्ज कराए गए हैं, उन्हें वापस ले लिया जाएगा. शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने कहा कि राज्य सरकार ने पारा टीचर्स को सरकारी प्रावधान के अनुसार नियोजित करने की जो नियमावली बनाई है, उसमें उनके हितों का पूरा ध्यान रखा गया है. दूसरी तरफ एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा ने कहा है कि उन्हें हर हाल में वेतनमान के आधार पर नियोजन चाहिए. सरकार बिहार की तर्ज पर नियमावली लागू करे. मानदेय बढ़ाने के निर्णय से संतुष्ट नहीं हैं. 


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