Jharkhand Government Preparations for Prevention From Malaria: झारखंड (Jharkhand) में बारिश के मौसम की शुरुआत हो चुकी है. बारिश (Rain) के कारण जगह-जगह जलजमाव के चलते जलजनित रोगों के बढ़ने की संभावना ज्यादा बढ़ गई है. जमा हुआ पानी मच्छरों के पनपने का लिए अनुकूल होता है. मच्छर (Mosquito) के काटने से कई रोग जैसे मलेरिया (Malaria), डेंगू (Dengue) और चिकनगुनिया (Chikungunya ) जैसे रोग इस मौसम में लोगों के लिए मुसीबत बन सकते हैं. मलेरिया नवजात शिशुओं, गर्भवती महिलाओं और छोटे बच्चों के लिए जानलेवा भी साबित हो सकता है.
सरकार ने कसी कमर
ऐसे में अब मलेरिया की रोकथाम के लिए सरकार ने भी कमर कस ली है. झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने ट्वीट कर कहा है कि, ''हमारी पूरी स्वास्थ्य व्यवस्था राज्य से मलेरिया को मिटाने का प्रयास कर रही है. हम सब इस मुहीम में भागीदार बनके मलेरिया से बचाव करें और यदि बीमार हो तो पूरा इलाज कराएं #AntiMalariaMonth संकल्प लें की मलेरिया को हराएंगे स्वस्थ झारखण्ड बनाएँगे!.''
मलेरिया जोन के तैर पर जाना जाता है पलामू
बता दें कि, झारखंड में पलामू जिला मलेरिया जोन के तैर पर जाना जाता है. यहां सर्वाधिक मलेरिया से प्रभावित मरीज मिलते है. अब झारखंड सरकार के प्रयास से मलेरिया की रोकथाम में मदद जरूर मिलेगी लेकिन लोगों को भी सावधान रहना होगा. मलेरिया रोग मादा एनाफिलिज नामक मच्छर के काटने से होता है. इस रोग के शिकार होने से रोगी को कंपकंपी देकर बुखार आता है. मलेरिया को देखते हुए सीएचसी में कीट और स्लाइड के साथ दवा उपलब्ध करा दी गई है.
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