Jharkhand Promotion Related Order: झारखंड सरकार (Jharkhand Government) सभी विभागों में प्रोन्नति (Promotion) पर रोक लगाने से संबंधित अपने आदेश को वापस लेगी. ये आदेश दिसंबर 2020 में मुख्य सचिव ने जारी किया था. दिसंबर 2020 में राज्य सरकार की सभी सेवाओं एवं पदों में प्रोन्नति पर अगले आदेश तक के लिए तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई थी. सीएम के आदेश के बाद सभी विभागीय प्रमुख, आयुक्त और जिलों के उपायुक्तों को इस बाबत निर्देश जारी कर दिए गए थे. फिलहाल, मामले की सुनवाई हाईकोर्ट में चल रही है. 


सीएम ने दिया था आदेश 
सीएम हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति के कर्मियों की प्रोन्नति के मामले से संबंधित विधानसभा की विशेष समिति की बैठक में इसकी समीक्षा की थी और सरकारी सेवाओं एवं पदों में प्रोन्नति पर रोक लगाने का आदेश दिया था. प्रोन्नति पर रोक लगाने से संबंधित आदेश को लेकर जानकारी मौखिक रूप से महाधिवक्ता राजीव रंजन ने हाइकोर्ट के जस्टिस डॉ एसएन पाठक की अदालत में मंगलवार को मामले में चल रही सुनवाई के दौरान दी. 


6 दिसंबर को होगी अगली सुनवाई 
अदालत ने महाधिवक्ता का पक्ष सुनने के बाद राज्य सरकार को लिखित रूप से शपथ पत्र दायर करने का निर्देश दिया. मामले में अगली सुनवाई 6 दिसंबर को होगी. प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता चंचल जैन ने पक्ष रखते हुए अदालत को बताया कि कोरोना को देखते हुए मुख्य सचिव ने 24 दिसंबर 2020 को पत्र निकाल कर प्रोन्नति पर रोक लगा दी थी. इसमें कहा गया था कि अभी किसी को प्रोन्नति नहीं दी जाएगी, जबकि प्रार्थियों के मामले में विभागीय प्रोन्नति समिति ने एसडीओ पद पर प्रोन्नति के लिए अधिकारियों को योग्य पाते हुए अनुशंसा की थी, लेकिन अधिसूचना जारी नहीं हो पाई.



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