Ranchi News: झारखंड (Jharkhand) के राज्यपाल रमेश बैस (Governor Ramesh Bais) दिल्ली में हैं. वो तीन दिन की यात्रा पर दिल्ली (Delhi) गए हैं. उनका 24 अगस्त को वापस आने का कार्यक्रम है. राज्यपाल की इस यात्रा को निजी बताया गया है. राज्यपाल की यह यात्रा ऐसे समय हो रही है जब राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) संकट में घिरते हुए नजर आ रहे हैं. खनन लीज मामले में चुनाव आयोग (Election Commission of India) ने सुनवाई पूरी कर चुका है. आयोग ने अपना फैसला सुरक्षित रखा हुआ है. वो जल्द ही अपना परामर्श राज्यपाल को भेज सकता है. 


झारखंड के राज्यपाल का दिल्ली दौरा


राज्यपाल का यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब झारखंड में सियासी तापमान बढ़ा हुआ है. इस हालात में राज्यपाल के दिल्ली दौरे को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं.खनन लीज मामले में चुनाव आयोग किसी भी वक्त राज्यपाल को अपना फैसला भेज सकता है.चुनाव आयोग के रिपोर्ट के आधार पर राज्यपाल कार्रवाई करेंगे. 


इस मामले में बीजेपी ने ऑफिस ऑफ प्रॉफिट और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 9a का हवाला देते हुए हेमंत सोरेन की सदस्यता समाप्त करने की मांग की थी.क्योंकि राज्य की कैबिनेट में खनन-वन मंत्री का पदभार हेमंत के पास ही है. बीजेपी का आरोप है कि हेमंत सोरेन ने खुद को पत्थर खनन लीज आवंटित किया था. उसने इस भ्रष्ट आचरण बताया है.अगर आरोप साबित होने पर हेमंत की सदस्यता भी समाप्त हो सकती है.आयोग उनके चुनाव लड़ने पर भी पर भी बैन लग सकता है.


हेमंत सोरेन के खिलाफ जनहित याचिकाएं


दरअसल सूचना के अधिकार (आरटीआई) के लिए काम करने वाले शिवशंकर शर्मा ने दो जनहित याचिकाएं दायर कर सीबीआई और ईडी से माइनिंग घोटाले की जांच कराने की मांग की थी.आरोप है कि हेमंत सोरेन ने अपने पद का दुरुपयोग कर स्टोन क्यूएरी माइंस अपने नाम आवंटित करवा ली है.सोरेन परिवार पर शैल कंपनी में निवेश कर संपत्ति अर्जित कर करने का भी आरोप है. 


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