Jharkhand News: झारखंड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने बुधवार (11 दिसंबर) को झारखंड की छठी विधानसभा के पहले विशेष सत्र में अभिभाषण करते हुए सरकार की ओर से ओर कई अहम घोषणाएं की. उन्होंने कहा कि राज्य की सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा.


राज्यपाल ने राज्य के आदिवासियों-मूलवासियों के लिए स्थानीय नीति बनाकर उन्हें तृतीय और चतुर्थ वर्ग की सरकारी नौकरियों में शत-प्रतिशत आरक्षण देने का संकल्प व्यक्त किया. राज्यपाल ने राज्य की सरकार का रोडमैप और विकास की परिकल्पना सदन में प्रस्तुत की.


'1.36 लाख करोड़ रुपये बकाया'


उन्होंने कहा कि केंद्र और उसकी कंपनियों के पास राज्य के 1.36 लाख करोड़ रुपये बकाया हैं. इस राशि को वापस लेने के लिए राज्य की सरकार कानूनी उपाय करेगी. झारखंड की हो, मुंडारी, कुड़ुख और अन्य जनजातीय भाषाओं को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल कराने की पहल करने, सभी किसानों को ब्याजमुक्त ऋण देने, सरना आदिवासी धर्म कोड को लागू करने, बच्चों को केजी से पीजी तक नि:शुल्क शिक्षा देने की व्यवस्था जैसी घोषणाएं भी अभिभाषण में की गई हैं.


अभिभाषण की शुरुआत करते हुए राज्यपाल ने छठी विधानसभा के सभी निर्वाचित सदस्यों को शुभकामनाएं दी और उम्मीद जताई कि राज्य के सभी नवनिर्वाचित विधायक सुखी, समृद्ध एवं उन्नत झारखंड के निर्माण के लिए पूरी निष्ठा से काम करेंगे. 


उन्होंने कहा कि षष्ठम विधानसभा के लिए शांतिपूर्ण चुनाव प्रक्रिया की समाप्ति के बाद राज्य में एक मजबूत एवं स्थिर सरकार के गठन का जनादेश जनता ने दिया है. हम इसके लिए राज्य की जनता को साधुवाद देते हैं और जनादेश का सम्मान करते हुए जन आकांक्षाओं पर खरा उतरने का संकल्प लेते हैं. राज्यपाल ने कहा कि यह सरकार झारखंड की मूल चेतना के साथ समावेशी विकास का ध्येय लेकर और आगे बढ़ेगी. सरकार बिना किसी द्वेष के वंचितों को विशेष महत्व देने की मानवीय सोच के साथ सबको उचित अधिकार, सबको सुरक्षा और हर द्वार तक समृद्धि पहुंचाने को प्रतिबद्ध है.


सहारा इंडिया से पीड़ित निवेशकों के लिए ऐलान


राज्यपाल ने कहा कि पंचम विधानसभा में सरकार ने आदिवासियों को 28 प्रतिशत, अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत और अनुसूचित जाति को 12 प्रतिशत आरक्षण देने के अलावा सरना आदिवासी धर्मकोड का प्रस्ताव पारित कराकर भेजा है, जो अभी केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास लंबित हैं. हमारी सरकार केंद्र से इन प्रस्तावों को जल्द मंजूरी दिलाने का प्रयास करेगी. राज्यपाल ने अपने अभिभाषण में ऐलान किया कि सहारा इंडिया से पीड़ित निवेशकों की लड़ाई झारखंड सरकार लड़ेगी.


उन्होंने कहा कि निचली अदालत से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक और सड़क से लेकर संसद तक हर मोर्चे पर यह लड़ाई पूरी मजबूती से लड़ी जाएगी. जब तक सभी निवेशकों को उनका पैसा नहीं मिल जाएगा, सरकार उनकी लड़ाई लड़ती रहेगी. उन्होंने कहा कि सहारा में निवेश करने वाले वैसे निवेशकों, जिनका निधन हो गया या विपरीत परिस्थितियों में आकर आत्महत्या कर ली, उनके परिजनों की सरकार मदद करेगी.उन्होंने जमाबंदी की जमीनों पर रह रहे परिवारों को मान-सम्मान के साथ जीने का अधिकार देने के साथ-साथ गैरमजरुआ जमीन पर बसे रैयतों की भूमि की रसीद फिर से काटने की शुरुआत करने की भी घोषणा की.


किसानों के लिए लोन पर ऐलान


राज्यपाल ने कहा कि उनकी सरकार किसानों को जीरो प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण मुहैया कराएगी. उन्होंने कहा कि मनरेगा मजदूरों को केंद्र की ओर से बहुत कम पारिश्रमिक दिया जाता है. उनकी सरकार अपनी तरफ से मनरेगा मजदूरों के लिए पैसे की व्यवस्था करेगी, ताकि उन्हें न्यूनतम 350 रुपये मजदूरी मिल सके. नदियों एवं डैम के पानी के सदुपयोग के लिए 10 हजार करोड़ की योजनाएं झारखंड में शुरू की जाएंगी.


राज्यपाल ने कहा कि आने वाले वर्षों में झारखंड में 500 सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की जाएगी. इन स्कूलों में स्वास्थ्य और संगीत के शिक्षकों की नियुक्ति होगी. राज्यपाल ने कहा कि 4,500 पंचायत स्तरीय आदर्श विद्यालय भी खोले जाएंगे. इतना ही नहीं, हर प्रखंड में डिग्री कॉलेज की स्थापना होगी. अनुमंडल स्तर पर पॉलिटेक्निक खोले जाएंगे. बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर लाइब्रेरी की भी स्थापना का ऐलान राज्यपाल ने किया.


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