हेमंत सोरेन के आरोपों पर राज्यपाल बोले, 'गिरफ्तारी में राजभवन की कोई भूमिका नहीं'
Jharkhand Politics: झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन को प्रवर्तन निदेशालय ने पूछताछ के बाद 31 जनवरी को गिरफ्तार किया था. ईडी की कस्टडी में ही वह राजभवन अपना इस्तीफा देने गए थे.
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Jharkhand News: झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन (CP Radhakrishnan) ने गुरुवार को इन आरोपों से इनकार किया कि धनशोधन (Money Laundering) मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री और JMM के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन (Hemant Soren) को गिरफ्तार किए जाने की कार्रवाई में राजभवन शामिल था. ईडी ने सात घंटे की पूछताछ के बाद 31 जनवरी को सोरेन को गिरफ्तार कर लिया था. इससे पहले, उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था.
राधाकृष्णन ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, 'राजभवन के दुरुपयोग का कोई सवाल ही नहीं है. हमारे द्वारा हर लोकतांत्रिक मानदंड का सख्ती से पालन किया गया है. उन्होंने दावा किया कि राजभवन ने सोरेन को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के लिए नहीं कहा था, बल्कि मुख्यमंत्री कार्यालय ने कहा था कि वह इस्तीफा देने जा रहे हैं.
चंपई सोरेन ने राज्यपाल पर लगाया था यह आरोप
दरअसल, 5 फरवरी को विधानसभा में चंपई सोरेन द्वारा लाए गए विश्वास प्रस्ताव में भाग लेते हुए झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने आरोप लगाया था कि केंद्र द्वारा रची गई 'साजिश' के बाद राजभवन ने उनकी गिरफ्तारी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. बता दें कि हेमंत की पत्नी कल्पना सोरेन ने भी पति के 'एक्स' हैंडल के जरिए ये आरोप लगाए थे.
सरकार बनाने का न्योता देने में देरी पर यह बोले राज्यपाल
चंपई सोरेन को सरकार बनाने के लिए बुलाने में देरी पर राज्यपाल ने कहा, ‘‘असाधारण स्थिति में कानूनी सलाह के कारण देरी हुई... हमने उन्हें 26 घंटे बाद बुलाया.'' चंपई सोरेन ने 1 जनवरी को सरकार बनाने का दावा पेश किया था जिसके बाद उन्हें बताया गया था कि उन्हें आगे की जानकारी अगले दिन दी जाएगी. इसके बाद सत्तारूढ़ गठबंधन ने सरकार बनाने में देरी का आरोप लगाया था और बिहार में हुए सत्ता परिवर्तन का भी हवाला दिया था जहां नीतीश कुमार के इस्तीफा देते ही शाम के वक्त शपथ ग्रहण का आयोजन हो गया था.
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