Jharkhand News: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) के ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में चुनाव आयोग का फैसला रहस्य बना हुआ है. फिलहाल सभी को राज्यपाल रमेश बैस के फैसले का इंतजार है. इस बीच राज्यपाल शुक्रवार को राजधानी रांची में टीबी उन्मूलन अभियान को लेकर आयोजित एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे, तो मीडियाकर्मियों ने उनसे चुनाव आयोग के लिफाफे के राज के संबंध में सवाल पूछ ही डाला, लेकिन राज्यपाल ने भी बड़ी ही चतुराई से सिर्फ इतना ही कहा कि भारत निर्वाचन आयोग से प्राप्त लिफाफा इतना चिपका हुआ है कि खुल नहीं रहा है. वहीं जब तक राज्यपाल फैसले का खुलासा नहीं करता तब तक सीएम हेमंत सोरेन की सांसे अटकी ही रहेंगी.
सोरेन के वकील ने चुनाव आयोग से मांगी थी कॉपी
वहीं दूसरी ओर सीएम सोरेन के वकील वैभव तोमर ने भारत निर्वाचन आयोग को पत्र भेज कर मुख्यमंत्री से जुड़े ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में आयोग की ओर से राजभवन को भेजे गये मंतव्य की कॉफी मांगी. उस पत्र के आलोक में आयोग की ओर से यह स्पष्ट कर दिया गया है कि संविधान की धारा 192 (2) के तहत यह दो संवैधानिक अथॉरिटी के बीच मामला है, इसलिए इस मसले पर राजभवन का आदेश आने से पहले आयोग की ओर से राजभवन को भेजी गयी अपने मंतव्य की कॉपी देना संविधान का उल्लंघन कहलाएगा.
Pakur News: पाकुड़ में शॉर्ट सर्किट के बाद घर में लगी भंयकर आग, छत में करंट आने से बाप-बेटे की मौत
मामले में 25 अगस्त को ही भेजा गया था पत्र
बता दें, रांची के अनगड़ा में सीएम हेमंत सोरेन के पत्थर खनन लीज मामले को लेकर बीजेपी नेताओं ने राज्यपाल से शिकायत की थी. इसे ऑफिस ऑफ प्रॉफिट का मामला बताते हुए हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता समाप्त करने की मांग की गयी थी. इसके बाद राज्यपाल की ओर से इस संबंध में भारत निर्वाचन आयोग से मंतव्य मांगा गया था. चुनाव आयोग की ओर से करीब तीन महीने तक मामले में सुनवाई की गयी और सीएम हेमंत सोरेन से भी पक्ष मांगा, 18 अगस्त को मामले में सुनवाई हो गयी. इसके बाद चुनाव आयोग की ओर से 25 अगस्त को पत्र राजभवन भेज दिया गया. इसके बाद से राज्य में कयासों का दौर और राजनीतिक भ्रम की स्थिति बनी हुई थी. अब देखना ये होगा कि मामले में राज्यपाल कब तक खुलासा करेंगे.
EC ने CM हेमंत सोरेन से कहा 'ऑफिस ऑफ प्रॉफिट' मामले में आपको नहीं दे सकते अपने मंतव्य की कॉपी