झारखंड हाईकोर्ट से ED अफसरों को राहत, रांची पुलिस की ओर से भेजे गए नोटिस पर रोक
Jharkhand High Court News: झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस अनिल कुमार चौधरी की अदालत ने कहा कि अगले आदेश तक पुलिस ईडी (ED) अफसरों को नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए नहीं बुला सकती.
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Jharkhand High Court Stay Notice: झारखंड हाईकोर्ट ने रांची पुलिस की ओर से ईडी के अफसरों को एससी-एसटी एक्ट के तहत भेजे गए नोटिस पर रोक लगा दी है. ईडी के अफसरों के खिलाफ हेमंत सोरेन ने बीते 31 जनवरी को इस एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज कराई थी. इसकी जांच कर रही रांची पुलिस ने सीआरपीसी की धारा 41 ए के तहत ईडी के एडिशनल डायरेक्टर कपिल राज, असिस्टेंट डायरेक्टर देवव्रत झा, अनुपम कुमार और अमन पटेल को समन भेजा था.
पुलिस ने इन अफसरों को 21 मार्च को गोंदा थाना में उपस्थित होने को कहा था. जस्टिस अनिल कुमार चौधरी की कोर्ट ने कहा कि अगले आदेश तक पुलिस ईडी अफसरों को नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए नहीं बुला सकती.
झारखंड हाईकोर्ट से ED अफसरों को राहत
प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की ओर से एससी-एसटी एक्ट के तहत दर्ज कराई गई एफआईआर को चुनौती देते हुए याचिका दायर कर रखी है. इस पर बीते 4 मार्च को सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने ईडी के अफसरों के खिलाफ किसी तरह की पीड़क कार्रवाई पर रोक का आदेश दिया था. गुरुवार को इसी याचिका पर आगे हुई सुनवाई में कोर्ट ने ईडी के अफसरों को दी गई राहत बरकरार रखी है.
हेमंत सोरेन ने दर्ज कराई थी FIR
इधर, इस मामले में हेमंत सोरेन की ओर से हस्तक्षेप याचिका दाखिल करने के लिए तीन हफ्ते का समय की मांग की गई. इस पर कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई तीन हफ्ते बाद मुकर्रर की है. गौरतलब है कि हेमंत सोरेन ने दिल्ली स्थित उनके आवास पर ईडी की ओर से की गई छापेमारी के बाद बीते 31 जनवरी को एजेंसी के एडिशनल डायरेक्टर कपिल राज, असिस्टेंट डायरेक्टर देवव्रत झा, अनुपम कुमार और अन्य के खिलाफ रांची स्थित एसटी-एससी थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी.
झारखंड के पूर्व सीएम ने इसमें आरोप लगाया था कि 29 जनवरी को उनके दिल्ली स्थित आवास की ईडी अफसरों की ओर से जिस तरह तलाशी ली गई और जिस तरह उनके खिलाफ दुष्प्रचार किया गया, वह अपमानजनक है. सोरेन ने कहा था कि वे अनुसूचित जनजाति से आते हैं. ईडी का ऑपरेशन उन्हें और उनके पूरे समुदाय को अपमानित करने वाला है.
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