Jharkhand News: झारखंड में नगर निकायों का चुनाव समय से नहीं कराए जाने पर हाई कोर्ट ने हेमंत सोरेन सरकार से जवाब मांगा है. जस्टिस राजेश शंकर की अदालत ने सरकार को यह बताने के लिए कहा है कि, कार्यकाल पूरा होने के पहले चुनाव क्यों नहीं कराया गया? अदालत ने कहा कि जब पार्षदों के अधिकार नगर निगम के अधिकारियों को दिए जा सकते हैं, तो पार्षदों का अवधि विस्तार क्यों नहीं किया गया. अदालत ने सरकार से सभी बिंदुओं पर 27 जून से पहले जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है.


बता दें कि, नगर निकायों का चुनाव जल्द कराने के लिए निवर्तमान पार्षद रोशनी खलखो, अरुण झा और अन्य ने याचिका दायर की है. पार्षदों की ओर से पक्ष रखते हुए अधिवक्ता विनोद सिंह ने कोर्ट को बताया कि, प्रतिनिधियों के कार्यकाल समाप्त होने के पहले ही चुनाव कराने का प्रावधान है, लेकिन झारखंड सरकार ने कार्यकाल बीत जाने के बाद भी अब तक चुनाव नहीं कराया है.


निगम के अधिकारियों को दिए गए अधिकार
अदालत को बताया गया कि सरकार ने चुनाव को निलंबित रखते हुए पार्षदों के अधिकार निगम के अधिकारियों को दे दिए हैं, जो गलत हैं. समय पर चुनाव न हो पाने की स्थिति में पार्षदों को अवधि विस्तार दिया जाना चाहिए. ऐसा कई राज्यों में होता है और यह संवैधानिक व्यवस्था भी है. पंचायत चुनाव समय पर नहीं होने पर सभी जनप्रतिनिधयों को अवधि विस्तार दिया गया था, लेकिन निकायों के मामले में सरकार ने ऐसा नहीं किया है.


आम लोगों का काम हो रहा प्रभावित
नगर निगम में पार्षदों को अवधि विस्तार नहीं दिए जाने से आम लोगों के काम भी प्रभावित हो रहे हैं. जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र समेत वैसे हर काम में विलंब हो रहा है, जिसमें पार्षदों का अनुमोदन अनिवार्य रहता है. अधिकारी वार्ड के लोगों को चिन्हित नहीं कर सकते हैं. लोगों को काम कराने के लिए नगर निगम का चक्कर लगाना पड़ रहा है और काम में भी विलंब हो रहा है.


कहां पर हुआ कार्यकाल खत्म


1- मेदिनीनगर, हजारीबाग, गिरिडीह, रांची, आदित्यपुर नगर निगम में बीते अप्रैल में ही कार्यकाल खत्म हो गया था.


2- धनबाद, देवघर और चास नगर निगम का कार्यकाल 2020 में खत्म हुआ.


3- झारखंड में मानगो नया नगर निगम बना है, जहां अभी चुनाव ही नहीं कराए गए हैं.



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