Hemant Governament: झारखंड की हेमंत सोरेन (Hemant Soren) सरकार ने प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में अनियमितता को लेकर सख्त रूख अपना लिया है. अब प्रदेश के मेडिकल कॉलेज के टीचर्स और डॉक्टर्स को अब अपने काम का हिसाब किताब भी रखना होगा. उन्हें हर महीने अपना रिपोर्ट कार्ड भी देना होगा. उन्होंने कितनी कक्षाएं ली हैं और कितने मरीजों का इलाज किया है, यह भी बताना होगा. इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने सभी मेडिकल कॉलेजों को फॉर्मेट भेजकर शैक्षणिक और चिकित्सकीय कार्यों का कैलेंडर तय करने को कहा है.


जारी किया गया आदेश
सरकार के आदेश के अनुसार, झारखंड के टीचर्स और डॉक्टर्स को हर महीने अपने द्वारा ली गयी कक्षाओं और मरीजों के ईलाज का ब्यौरा मेडिकल कॉलेज की वेबसाइट पर अपलोड करना होगा. स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह ने इस बाबत राज्य के सभी सरकारी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल्स और रिम्स डायरेक्टर को एक फार्मेट के साथ निर्देश जारी किया है.


बाधित होती है पढ़ाई
सरकार की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि शिक्षकों के मासिक, शैक्षणिक और चिकित्सकीय कार्यों का कैलेंडर निर्धारित नहीं होने और उनका अनुपालन नहीं होने से ऐसे शिक्षकों की ओर से पढ़ने-पढ़ाने की अवधि के दौरान सरकार के निर्देशों के प्रतिकूल अन्य कार्य किए जाते हैं. इससे न सिर्फ मेडिकल कॉलेज का शैक्षणिक वातावरण प्रभावित होता है, बल्कि छात्रों की पढ़ाई भी प्रभावित होती है.


महीने की 10 तारीख को जमा करेंगे कैलेंडर
अपर मुख्य सचिव ने साफ किया है कि हर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल और डायरेक्टर हर महीने की 10 तारीख को शिक्षकों के कार्य के कैलेंडर की कॉपी डायरेक्टर चिकित्सा, शिक्षा स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के पास सबमिट करेंगे. इसमें उन्हें यह भी प्रमाणित करना होगा कि उन्होंने सरकार के निर्देश का अनुपालन किया है.


बतानी होगी वजह
सरकार के आदेश के अनुसार, अगर किसी कारण से कैलेंडर का अनुपालन नहीं गया है तो उन्हें उसकी वजह बतानी होगी. गौरतलब है कि राज्य सरकार की ओर से कुल 6 मेडिकल कॉलेज और अस्पताल संचालित किए जा रहे हैं.


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