(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Jharkhand Politics: हेमंत सोरेन ने केन्द्र सरकार पर लगाए गंभीर आरोप, बोले- विकास की चिंता नहीं, लूटने का इरादा है
Jharkhand News: हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने आरोप लगाया है कि केन्द्र सरकार को झारखंड के विकास की कोई विशेष चिंता नहीं है, बल्कि उसका इरादा केवल राज्य की खनिज संपदा को लूटने का है.
Hemant Soren Attack on Central Government: झारखंड (Jharkhand) के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि केन्द्र सरकार को झारखंड के विकास की कोई विशेष चिंता नहीं है, बल्कि उसका इरादा केवल राज्य की खनिज संपदा को लूटने का है. हेमंत सोरेन ने मेदिनीनगर (Medininagar) के पुलिस स्टेडियम में ‘आपके अधिकार-आपकी सरकार, आपके द्वार’ कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर हजारों लाभुकों को संबोधित करते हुए कहा कि कोरोना के भीषण काल में राज्य के कोयला खदानों (Coal Mines) को नीलाम किया गया, जबकि राज्य सरकार विनती करती रही कि स्थिति सामान्य होने पर नीलामी की प्रक्रिया हो ताकि उसमें अधिक संख्या में ठेकेदार, एजेंसियां और कंपनियां भाग ले सकें. उन्होंने कहा कि इससे केन्द्र और राज्य के हितों के सम्वर्धन में मदद मिलती.
केंन्द्र ने राज्य सरकार के अनुरोध को नजरदांज किया
सीएम हेमंत सोरेन ने आरोप लगाया कि केन्द्र सरकार अपनी पसंदीदा कंपनियों को कोयला खदानों को देने के लिए कोरोना के अफरातफरी भरे माहौल में ही आतुर थी, इसलिए उसने राज्य सरकार के अनुरोध को नजरदांज कर दिया. उन्होंने कहा कि खनिज संपदा के दोहन में जुटी कंपनियों को निर्देशित किया गया है कि यदि वे शांतिपूर्ण तरीके से झारखंड के निवासियों को 75 प्रतिशत अपने यहां रोजगार देंगी तभी खनन की अनुमति राज्य सरकार देगी.
ठोस योजनाओं को गति नहीं दी गई
मुख्यमंत्री ने राज्य के विकास की चर्चा करते हुए कहा कि यहां 20 वर्षों में विकास की मूलभूत जरूरतों को पूरा करने के लिए ठोस योजनाओं को गति नहीं दी गई, जिसके चलते राज्य पिछड़ा है और पूरे कालखंड में दो तिहाई समय में भारतीय जनता पार्टी की सरकार रही है. उन्होंने कहा कि सड़क, बिजली, पानी, कृषि, स्वास्थ्य, सिंचाई जैसी योजनाओं के प्रति भाजपा सरकार कभी गंभीर नहीं रही और वो चुनिंदा तत्वों के हित में काम करती रही जिससे राज्य आज भी पिछड़ा है.
अपने ही संसाधनों से विकास को गति प्रदान करेंगे
सीएम सोरेन ने ये भी आरोप लगाया कि केन्द्र प्रायोजित योजनाओं को पूरा करने में केन्द्र सरकार का पक्षपाती रवैया है वो राज्य के हिस्से को देने में आनाकानी कर रही है. इससे छुटकारा पाने के लिए सरकार ने निश्चय किया है कि, हम अपने ही संसाधनों से विकास को गति प्रदान करेंगे और इसके लिए पलामू प्रमंडल में 800 करोड़ रुपये की लागत से एक सिंचाई परियोजना को मंजूरी दे दी गई है.
गरीबी हमें विरासत में मिली
मुख्यमंत्री ने कहा कि साथ ही मेदिनीनगर में पेयजल आपूर्ति योजना को सशक्त बनाने के लिए डेढ़ सौ करोड़ रुपये की योजना की स्वीकृति प्रस्तावित है. राज्य की बदहाल स्थिति की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि गरीबी हमें विरासत में मिली है, राज्य की 80 फीसदी आबादी गांवों निवास करती है, इसलिए सरकार ने फैसला किया है कि, अब ग्रामीण अंचलों को ध्यान में रखकर ही विकास की प्राथमिकता तय होगी.
ये भी पढ़ें: