Jharkhand: 18 महीने बाद झारखंड सरकार फिर ला रही है मॉब लिंचिंग विधेयक, जानें- इससे पहले क्यों राज्यपाल ने लौटाया था?
Ranchi: राज्य सरकार ने राज्यपाल द्वारा उठाई गई आपत्तियों को दूर कर लिया है. सरकार का मानना है कि उन्मादी भीड़ द्वारा कानून को अपने हाथ में लेकर की जाने वाली हिंसा और हत्या गंभीर चिंता का विषय है.
Jharkhand News: झारखंड सरकार 18 महीने बाद अब फिर मॉब लिंचिंग विधेयक लाएगी. इस बार इसे भीड़ द्वारा की जाने वाली हिंसा/हत्या की रोकथाम विधेयक-2023 के नाम से विधानसभा के मानसून सत्र में लाने की तैयारी है. इससे पहले इसे कैबिनेट से पास कराया जाएगा. इससे पहले दिसंबर 2021 में विधानसभा के शीतकालीन सत्र में भीड़ हिंसा रोकथाम और मॉब लिंचिंग निवारण विधेयक-2021 पास कराकर इसे राज्यपाल को भेजा गया था, लेकिन तत्कालीन राज्यपाल रमेश बैस ने 18 मार्च 2022 को कुछ आपत्तियों के साथ इस विधेयक को सरकार को लौटा दिया था.
राज्य सरकार ने महाधिवक्ता की राय के बाद राज्यपाल द्वारा उठाई गई आपत्तियों को दूर कर लिया है. सरकार का मानना है कि उन्मादी भीड़ द्वारा कानून को अपने हाथ में लेकर की जाने वाली हिंसा और हत्या गंभीर चिंता का विषय है. इस पर रोक जरूरी है, इसलिए यह विधेयक फिर से लाया जा रहा है. ताकि मॉब लिंचिंग की घटनाओं पर रोक लग सके और दोषियों को दंडित किया जा सके.
क्या थी राज्यपाल की आपत्ति?
विधेयक के अंग्रेजी संस्करण में धारा दो के उपखंड (1) के उपखंड 12 में गवाह संरक्षण योजना का जिक्र किया गया है, लेकिन हिंदी संस्करण में इसका जिक्र ही नहीं है. राज्यपाल ने इसी धारा के उपखंड (1) के उपखंड 6 में दी गई भीड़ की परिभाषा पर भी आपत्ति की थी. कहा गया था कि दो या दो से अधिक व्यक्तियों के समूह को अशांत भीड़ नहीं कहा जा सकता है.
क्या है सजा का प्रावधान?
दोषी को आजीवन कारावास और 25 लाख तक जुर्माने का था प्रावधान हैं
मॉब लिंचिंग निवारण विधेयक-2021 में दोषी पाए जाने पर तीन साल से सश्रम आजीवन कारावास और 25 लाख रुपए जुर्माने के साथ संपत्ति की कुर्की तक का प्रावधान था.
गंभीर चोट आने पर भी 10 साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान किया गया था. वहीं भीड़ को उकसाने वालों को दोषी मानते हुए उन्हें तीन साल की सजा देने की व्यवस्था थी.
विधेयक में पीड़ित परिवार को मुआवजा देने और पीड़ित के मुफ्त इलाज की व्यवस्था का प्रावधान भी किया गया था.
बिल लौटाने के बाद कब-कब हुई मॉब लिंचिंग की घटनाएं
- 5 जनवरी, 2022- सिमडेगा के बेसराजरा बाजार में भीड़ ने गांव के ही संजू प्रधान की पत्थर और लाठियों से पीटकर हत्या कर दी. शव को जला दिया.
- 11 जनवरी, 2022- गिरिडीह के सरलाडीह में जय मुर्मू को लोगों ने पीटकर मार डाला.
- 6 मई 2022- गुमला के भरना थाना क्षेत्र में लकड़ी माफिया ने पेड़ काटने का विरोध करने पर शमीम अंसारी नामक युवक की पीट-पीटकर हत्या कर दी.
- 11 जून 2022- लोहरदगा के गणेशपुर गांव में भीड़ ने डायन के शक में महिला को लाठी-डंडों से पीटा, जबरन जहर पिलाया. मौत के बाद बोरी में बंद कर झरने में फेंक दिया.
- 3 अक्टूबर 2022- गुमला के तिगरा गांव में उग्र भीड़ ने एजाज खान को पीट-पीटकर मार डाला.
- 7 अक्टूबर 2022- बोकारो के धवैया गांव में भीड़ ने इमरान अंसारी की पीट-पीटकर हत्या कर दी.
- 17 अक्टूबर 2022- दुमका के तालझारी थानाक्षेत्र में चोरी के आरोपी सुरेश यादव को भीड़ ने पेड़ से बांधकर पीटा.
- 12 मई 2023- रांची के होरेदाग में भीड़ ने चोरी के आरोपी मिथुन सिंह खरवार को लोगों ने पीट-पीटकर मार डाला.