Jharkhand News: केंद्र से मिला पैसा खर्च नहीं कर पाई झारखंड सरकार, रोकी गई पंचायतों को मिलने वाली 800 करोड़ की रकम
Jharkhand: केंद्र ने कहा है कि पहले से उपलब्ध कराई गई राशि का उपयोग करने के बाद ही शेष राशि किस्तवार उपलब्ध कराने पर निर्णय लिया जा सकेगा.
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Jharkhand Government: झारखंड की सरकार पंचायतों के विकास के लिए केंद्र से मिला पैसा खर्च नहीं कर पा रही है. इस वजह से 15वें वित्त आयोग ने राज्य की पंचायतों को मिलने वाली करीब 800 करोड़ की राशि रोक दी. केंद्र ने कहा है कि पहले से उपलब्ध कराई गई राशि का उपयोग करने के बाद ही शेष राशि किस्तवार उपलब्ध कराने पर निर्णय लिया जा सकेगा. समय पर राशि खर्च न कर पाने के कारण राज्य की तकरीबन 4400 पंचायतों तक उनके विकास के लिए केंद्र से मंजूर पूरी राशि नहीं पहुंच पाएगी. प्रत्येक पंचायत को लगभग 15 से 20 लाख की रकम से वंचित होना पड़ा है. इस वजह से सड़क, नाली, जलमीनार सहित विकास की कई योजनाओं की गति धीमी पड़ गई.
450 करोड़ ही खर्च कर सकी सरकार
आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2022-23 में पंचायतों के विकास के लिए कुल उपलब्ध राशि 1123.49 करोड़ है. वित्तीय वर्ष के दस माह में इस राशि में से महज 450 करोड़ की रकम खर्च की जा सकी. सभी जिलों को राशि खर्च करने के लिए योजनाओं का चयन करके काम करने का निर्देश दिया गया था, लेकिन स्थिति यह है कि 700 करोड़ रुपये की राशि अब भी खजाने में पड़ी हुई है.
अधिकारियों के अनुसार इस बार जलमीनार बनाने की योजनाएं सबसे ज्यादा संख्या में ली जानी थीं, लेकिन ऐसा हो नहीं पाया. अधिकांश पंचायतों में इस पर सही से काम नहीं हुआ. टेंडर की प्रक्रिया में ही अधिक समय बीत गया. सड़क-नाली इत्यादि की योजनाएं कम संख्या में ली गई और इस वजह से राशि खर्च नहीं हो पाई.
राशि कम खर्च करने में जिला परिषद, प्रखंडों की पंचायत समितियों और ग्राम पंचायत तीनों की रफ्तार काफी सुस्त रही. बताया जा रहा है कि नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधि पहले से स्वीकृत योजनाओं पर काम नहीं करा रहे हैं. ऐसे में कई योजनाएं ठप पड़ गईं है. रामगढ़ जिले में मात्र नौ फीसदी, पलामू में 15 फीसदी, सरायकेला में 28 फीसदी और बोकारो जिले में 29 फीसदी राशि ही खर्च हो पाई है. बाकी के ज्यादातर जिलों में भी 30 से 35 फीसदी ही राशि खर्च हो पाई है.
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