Jharkhand Latest News: झारखंड के साहिबगंज में एक नाबालिग लड़की के साथ हुए रेप और हत्या के मामले में हाई कोर्ट का बड़ा फैसला आया है. कोर्ट ने 6 साल की बच्ची से रेप और हत्या के आरोपी को बरी कर दिया है. आरोपी को झारखंड के राजमहल की पॉक्सो कोर्ट (POCSO Court) ने फांसी की सजा सुनाई थी, लेकिन हाई कोर्ट ने पाया कि आरोपी के खिलाफ साक्ष्य उपलब्ध नहीं हैं. हाई  कोर्ट ने कहा कि सिर्फ अंतिम बार आरोपी और पीड़िता का एक साथ देखा जाना दोष सिद्धि के लिए पर्याप्त साक्ष्य नहीं है.


यह घटना साहिबगंज जिले के राजमहल में 4 मार्च, 2015 को हुई थी. छह साल की बच्ची का शव शिमला बहाल पोखर मैदान के पास पाया गया था. उसके कपड़े अस्त-व्यस्त थे और गले में चोट के निशान थे. परिजनों की शिकायत पर इस मामले में राहत शेख नामक शख्स के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई थी. एफआईआर के मुताबिक राहत शेख उस रोज शाम पांच बजे बच्ची को अपने कंधे पर बिठाकर मैदान की तरफ ले जाते देखा गया था. परिजनों ने उसपर बच्ची से रेप के बाद हत्या का संदेह जताया था.


बच्ची को साथ ले जाता दिखा था आरोपी
राजमहल के पॉक्सो की विशेष अदालत ने इस मामले में ट्रायल के दौरान अभियोजन पक्ष के अनुसंधानकर्ता पुलिस अफसर सहित 12 गवाहों का परीक्षण कराया था. कुछ गवाहों का कहना था कि उन्होंने राहत शेख को अपने साथ बच्ची को साथ लेकर शिमला बहाल पोखर मैदान की तरफ ले जाते देखा था. ट्रायल पूरा होने के बाद पॉक्सो कोर्ट ने राहत शेख को 1 दिसंबर 2022 को दोषी करार दिया और और 12 दिसंबर 2022 को उसे फांसी की सजा सुनाई.


हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कही यह बात
इसके बाद राज्य सरकार ने अभियुक्त की फांसी की सजा कन्फर्म करने को लेकर हाई कोर्ट में अपील की थी, तो दूसरी तरफ राहत शेख ने भी पॉक्सो कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए अपील दायर की थी. अब हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि तीन-चार लोगों ने आरोपी को उस बच्ची को ले जाते देखा, लेकिन सिर्फ इसी आधार पर उसे दोषसिद्ध नहीं माना जा सकता. 


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