Ranchi News: हजारीबाग में दिसंबर 2019 में एक नाबालिग बच्ची को उसके ही परिचित ने एसिड पिला दिया था. इस मामले में शनिवार को झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने एमिकस क्यूरी से पूछा है कि पीड़ित बच्ची को मुआवजा मिला है या नहीं ?


अखबारों में छपी खबर के आधार पर कोर्ट ने लिया था स्वत: संज्ञान


कोर्ट ने इस संबंध में उन्हें शपथ पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया है. दरअसल, वर्ष 2019 में हजारीबाग में 13 साल की एक बच्ची को, जब वह स्कूल से लौट रही थी, तो उसके परिचित ने उसे जबरदस्ती एसिड पिला दिया था. उसकी हालत काफी बिगड़ गई थी. बाद में उसका एम्स पटना और रिम्स रांची में इलाज हुआ था. एसिड पिलाए जाने से 2 महीने तक बच्ची कुछ बोलने में असमर्थ थी.


मामले को लेकर हजारीबाग के इचाक थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई थी. इस मामले को लेकर तत्कालीन चीफ जस्टिस को एक पत्र लिखा गया था. इसके बाद एक समाचार पत्र में छपी खबर के आधार पर हाई कोर्ट ने इस मामले में स्वत: संज्ञान लिया था.


हाई कोर्ट ने डीजीपी को दिया था शपथ पत्र दाखिल करने का निर्देश


पूर्व की सुनवाई में हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा था कि मामले में पुलिस अनुसंधान कर रही है या नहीं, आरोपी गिरफ्तार हुआ है या नहीं.उल्लेखनीय है कि बच्ची अपने नाना-नानी के यहां रहती थी. एसिड पिलाने वाले की उम्र 25 साल है और वह बच्ची को लगातार परेशान करता रहता था. लड़की के परिवार वालों ने उसके व्यवहार की शिकायत उसके परिवार से भी की थी. कोर्ट ने इससे पहले हुई सुनवाई पर पुलिस पर आरोपी को बचाने का आरोप भी लगाया था. 


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