Jharkhand Rupesh Murder Case: झारखंड के हजारीबाग (Hazaribagh) जिले के बरही में एक धार्मिक जुलूस के दौरान रूपेश पांडेय (Rupesh Pandey) नाम के 17 वर्षीय किशोर की बेरहमी से पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी. अब इस मामले की जांच अब सीबीआई (CBI) करेगी. झारखंड हाईकोर्ट (Jharkhand High Court) ने मृतक रूपेश की मां की ओर से दाखिल क्रिमिनल रिट पर सुनवाई करते शुक्रवार को ये आदेश दिया है. अब इस मामले पर झारखंड (Jharkhand) के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता बाबूलाल मरांडी ने कोर्ट का आभार जताया है.


'बीजेपी शुरू से साथ खड़ी है'
बीजेपी नेता बाबूलाल मरांडी ने ट्वीट कर कहा कि, ''बरही में मॉब लिंचिंग के शिकार हुए छात्र रूपेश पांडेय के न्याय के लिए झारखंड बीजेपी शुरू से साथ खड़ी है. राज्य सरकार के द्वारा अपराधियों को बचाने की कोशिशों और जांच के नाम पर लीपापोती किसी से छिपी नहीं है. इस हत्याकांड की जांच CBI को सौंपने पर मा.उच्च न्यायालय का बहुत बहुत आभार.''






पीट-पीटकर मार डाला
बता दें कि, 6 फरवरी 2022 को शाम 5 बजे रूपेश पांडे अपने चाचा के साथ सरस्वती पूजा का विसर्जन जुलूस देखने गया था. उस दौरान असलम अंसारी उर्फ पप्पू मियां के नेतृत्व में 25 लोगों की भीड़ रूपेश को खींचकर ले गई थी और उसे पीट-पीटकर मार डाला था. मामले को लेकर बरही थाने में 27 आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी. 7 फरवरी को पुलिस ने मामले में 4 लोगों को गिरफ्तार किया था. 


पुलिस पर लगे थे लापरवाही के आरोप 
रूपेश की नृशंस हत्या पर बरही, हजारीबाग, कोडरमा, गिरिडीह सहित कई जिलों में तनाव पैदा हो गया था. मामले ने राजनीतिक तौर पर भी तूल पकड़ा था. धरना-प्रदर्शन का लंबा सिलसिला चला था. झारखंड सहित देश के कई हिस्सों से विभिन्न संगठनों और दलों से जुड़े लोग रूपेश के परिजनों से मिलने पहुंचे थे. विभिन्न संगठनों ने पुलिस पर इस मामले में कार्रवाई में कोताही का आरोप लगाया था.


दस्तावेज CBI को हस्तांतरित करने का निर्देश
रूपेश की मां ने पुलिस की जांच पर अविश्वास जताते हुए स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराने के लिए झारखंड हाईकोर्ट में क्रिमिनल रिट दायर की थी. जस्टिस एसके द्विवेदी की कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए पुलिस की अब तक की जांच पर गहरा असंतोष जाहिर किया. उन्होंने सीबीआई को निर्देश दिया कि वो जल्द से जल्द इस मामले को अपने हाथ में लेकर जांच शुरू करे. जिला पुलिस और प्रशासन को इस मामले से संबंधित दस्तावेज तुरंत सीबीआई को हस्तांतरित करने का भी निर्देश दिया गया है.


ये भी पढ़ें:


'आदिवासियों के अस्तित्व को खत्म करने की साजिश, लड़कियों को धर्म परिवर्तन के लिए किया जा रहा है मजबूर'- बाबूलाल मरांडी


झारखंड सरकार ने बहाल की Old Pension Scheme, समझें नई और पुरानी पेंशन योजना का फर्क