Jharkhand High Court News: झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य में बाल आयोग, सूचना आयोग, मानवाधिकार आयोग, पुलिस कंप्लेंट अथॉरिटी, लोकायुक्त सहित करीब 12 संवैधानिक संस्थाओं में अध्यक्ष और सदस्यों के पद खाली रहने पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है. कोर्ट ने मौखिक तौर पर कहा कि अगर राज्य सरकार इन पदों को भरने पर कोई एक्शन नहीं लेती है, तो इस संबंध में कोर्ट दिशानिर्देश जारी करेगी. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने वकील एसोसिएशन की जनहित याचिका पर बुधवार को सुनवाई की.
हाईकोर्ट- 'अगर एक्शन नहीं लिया गया तो...'
एसोसिएशन की ओर से वकील नवीन कुमार ने कोर्ट को बताया कि करीब 4 वर्षों से राज्य बाल आयोग, सूचना आयोग, मानवाधिकार आयोग, लोकायुक्त आदि संवैधानिक संस्थाओं में पदों के रिक्त रहने से किसी तरह का कोई काम नहीं हो रहा है. वकील इन जगहों पर पैरवी करते हैं, लेकिन इन आयोग में काम नहीं होने से वकीलों के समक्ष भी समस्या हो रही है. उन्होंने कहा कि जल्द से जल्द इन संवैधानिक संस्थाओं में रिक्त पदों को भरा जाए. वहीं वरीय वकील राजीव शर्मा ने कोर्ट को बताया कि राज्य सूचना आयोग में न अध्यक्ष हैं और न सदस्य हैं. इससे सूचना आयोग का कार्य प्रभावित हो रहा है.
वर्ष 2020 में सूचना आयोग में रिक्त पदों को भरने के लिए विज्ञापन निकाला गया था, लेकिन अब तक सूचना आयोग में कोई नियुक्ति नहीं हो पाई. राज्य सरकार की ओर से इस मामले में जवाब देने के लिए समय की मांग की गई. कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई 19 अप्रैल निर्धारित की है.
बता दें कि पिछले दिनों रांची में डैम के प्रदूषण और अतिक्रमण पर हाईकोर्ट ने झारखंड सरकार से जवाब मांगा था. हाईकोर्ट ने इस मामले में रांची नगर निगम की ओर से दायर शपथ पत्र पर असंतोष जताया था और दोबारा विवरण के साथ शपथ पत्र दाखिल करने के निर्देश दिए थे.
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