Jharkhand High Court: झारखंड हाई कोर्ट ने विवाहित महिला के रेप की याचिका की खारिज, बेंच ने इसके पीछे दिया ये तर्क
Jharkhand News: हाई कोर्ट ने रेप के मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि महिला आरोपी के साथ संबंध बनाते समय बालिग और शादीशुदी थी, वह संबंध बनाने का परिणाम जानती थी. इस आधार पर कोर्ट ने मामला खारिज कर दिया.
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Jharkhand High Court on Rape Case: झारखंड हाई कोर्ट ने रेप के मामले में एक बड़ा फैसला सुनाया है. हाई कोर्ट ने एक विवाहित महिला द्वारा दायर रेप की याचिका को खारिज कर दिया, फैसले में कोर्ट ने कहा कि महिला किसी दूसरे व्यक्ति के साथ शारीरिक संबंध बनाने से पहले सभी पहलुओं से वाकिफ थी. जस्टिस सुभाष चंद ने कहा कि आरोपी को किसी भी तरह से झूठ बोलकर या बहाने बनाकार सहमति प्राप्त करने वाला नहीं माना जा सकता है. कथित शादी का वादा कर शारीरिक संबंध बनाने के महिला के आरोपों को कोर्ट ने खारिज कर दिया.
दरअसल, इस मामले में सेशन कोर्ट के फैसले को झारखंड हाई कोर्ट में चुनौती दी गई थी, सभी पहलुओं का पुनरीक्षण कर कोर्ट ने रेप की इस याचिका को खारिज कर दिया. इस मामले में याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया था कि आरोपी ने उसे लालच देकर रोमांटिक रिश्ते में फंसाया और उसके साथ शीरीरिक संबंध बनाए. इतना ही नहीं आरोपी ने पीड़िता पर दबाव बनाया कि इस रिलेशनशिप को वह पैरेंट्स के सामने जाहिर न करे. इसके कुछ दिनों बाद आरोपी पढ़ाई जारी रखने के लिए कहीं और चला गया.
महिला ने लगाया था ये आरोप
आरोपी के जाने के बाद महिला ने किसी और से शादी कर ली. ये जानते हुए भी आरोपी ने महिला से संपर्क बनाये रखा और उसे भावनात्मक रुप से परेशान करता रहा. आरोपी ने पीड़िता से शादी का वादा किया, जिसके बाद उसने अपने पति से साल 2019 में तलाक ले लिया. महिला के आरोपों पर कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि साल 2018 में शादी के समय पीड़िता बालिग थी. बालिग और समझदार होने के बावजूद उसने आरोपी अभिषेक कुमार पाल के साथ विवाह के प्रलोभन पर शारीरिक संबंध बनाये.
'आरोपी गलतफहमी पैदा कर नहीं ले सकता सहमति'
रेप के आरोपों पर झारखंड हाई कोर्ट की जस्टिस चंद की बेंच ने कहा कि पीड़िता पहले से बालिग और शादीशुदा थी, वह किसी अन्य के साथ संबंध बनाने का परिणाम जानती थी. इसलिये कहा जा सकता है कि आरोपी द्वारा गलतफहमी पैदा कर पीड़िता से सहमति नहीं प्राप्त किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि इसलिए एफआईआर में लगाये गये आरोप से ये माना जा सकता है कि उसे आरोपी द्वारा धोखा दिया गया.
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