Jharkhand News: झारखंड (Jharkhand) के लातेहार (Latehar) जिला स्थित दीवानी अदालत का ताना भगत आदिवासी समुदाय द्वारा घेराव और पुलिस पर हमले की घटना के एक दिन बाद झारखंड उच्च न्यायालय (Jharkhand High Court) ने मंगलवार को मामले पर स्वत: संज्ञान लेते हुए राज्य के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) से जवाब तलब किया. ताना भगत समुदाय के लोगों द्वारा सोमवार को दीवानी अदालत का घेराव करने और प्रधान न्यायाधीश के चेंबर को घंटों बंद रखने की घटना के बाद पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और पानी की बौछार की थी. उनकी मांग है कि अदालत को बंद किया जाए क्योंकि जिला प्रशासन इलाके में प्रचलित संवैधानिक प्रावधानों को नजर अंदाज कर रहा है.
हिंसा को लेकर हाई कोर्ट ने खुफिया विभाग को लताड़ा
झारखंड उच्च न्यायालय ने मौखिक टिप्पणी की कि अदालत परिसर में हुई ऐसी घटना खुफिया विभाग की असफलता प्रतीत होती है. मुख्य न्यायाधीश डॉ. रवि रंजन और न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत ने मुख्य सचिव सुखदेव सिंह और पुलिस महानिदेशक नीरज सिन्हा को व्यक्तिगत तौर पर पेश होने का निर्देश दिया. दोनों शीर्ष अधिकारियों के अदालत में पेश होने के बाद पीठ ने उनसे रांची से करीब 110 किलोमीटर दूर लातेहार में हुई घटना पर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया. पीठ ने कहा कि अदालत की सुरक्षा में सेंध लगी और पुलिस को इस मामले में और अधिक सतर्क होना चाहिए था. अदालत ने सरकार को अदालत परिसरों की कड़ी सुरक्षा सुनिश्चित करने का आदेश दिया.
अगले हफ्ते होगी मामले की सुनवाई
उच्च न्यायालय इस मामले पर अगले सप्ताह सुनवाई करेगा. अखिल भारतीय ताना भगत संघ के प्रदर्शनकारियों और कार्यकर्ताओं ने दावा किया कि संविधान की पांचवीं अनुसूची के तहत लातेहार में अदालत का परिचालन और बाहरी लोगों के रोजगार एवं प्रवेश पर रोक है. उन्होंने कहा कि तब तक प्रदर्शन किया जाएगा जब तक सरकारी संस्थानों, पुलिस और न्यायपालिका को उन्हें सौंप नहीं दिया जाता.
मामले में अब तक 30 लोग गिरफ्तार
इस बीच, सोमवार की घटना के सिलसिले में ताना भगत समुदाय के 30 लोगों को गिरफ्तार कर अदालत के आदेश पर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. पुलिस ने बताया कि लातेहार हिंसा के मामले में 228 लोगों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज की गई है. पुलिस ने बताया कि दीवानी अदालत के प्रधान न्यायाधीश का पांच घंटे तक घेराव करने और पुलिस पर पथराव करने के मामले में 300 अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है.
पुलिस निरीक्षक अमित कुमार ने बताया कि अखिल भारतीय ताना भगत समिति के सचिव बहादुर ताना भगत और संगठन के नेताओं राजेंद्र ताना भगत, मनोज कुमार मिन्ज, धरमदेव भगत, धानेश्वर टोप्पो और अजीत मिन्ह उन लोगों में शामिल हैं जिन्हें प्राथमिकी में नामजद किया गया है. उन्होंने बताया कि अदालत और जिला कलेक्ट्रेट परिसर के चारों ओर अतिरिक्त सुरक्षा कर्मियों की तैनाती की गई है.
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