Jharkhand Dumka Police Recoverd Explosives: झारखंड (Jharkhand) के दुमका (Dumka) में पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है. पुलिस ने भारी मात्रा में तबाही का सामान जब्त किया है. एक वाहन से 100 कार्टून में 20641 पीस जिलेटिन और 20150 पीस डेटोनेटर जैसे खतरनाक विस्फोटक बरामद किए गए हैं. ये विस्फोटक पश्चिम बंगाल (West Bengal) के आसनसोल (Asansol) से एक पिकअप वाहन में दुमका रामपुर हाट एनएच 114 ए के रास्ते दुमका से होते हुए नक्सल ग्रस्त इलाके शिकारीपाड़ा थाना इलाके की ओर भेजा जा रहा था. इसी दौरान बीती रात अचानक मोहलपहाड़ी गांव के पास टायर फट जाने के कारण वाहन पलट गया. सूचना मिलने के बाद शिकारीपाड़ा पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और विस्फोटक सहित वाहन को जब्त कर लिया.
पुलिस को मिली थी गुप्त सूचना
दुमका के पुलिस उपाधीक्षक नूर मुस्तफा (Noor Mustafa) के मुताबिक पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि विस्फोटक से लदा एक वाहन दुमका से शिकारीपाड़ा की ओर जा रहा है. पुलिस इसे पकड़ने में लगी हुई थी लेकिन इसी दौरान सूचना मिली कि तेज रफ्तार के कारण वाहन का टायर फटने से वो पलट गया है. पुलिस अधिकारी ने ये भी बताया कि विस्फोटक को पुलिस के नजरों से बचाने के लिए नारियल से ढक दिया गया था. लेकिन, पुलिस को पहले से सूचना थी और पुलिस की एक टीम को रास्ते में लगाया भी गया था.
चालक और उसका साथी हुआ फरार
दुर्घटना में चालक और उसका साथी बाल बच गए और दोनों पुलिस के आने से पहले ही गाड़ी छोड़कर फरार हो गए. पिकअप गाड़ी में ऊपर से नारियल लोड किया हुआ है और भीतरी भाग में विस्फोटक भरा हुआ है था. पुलिस वाहन को जब्त कर शिकारीपाड़ा थाना ले आई है. बताया तो ये भी जा रहा है कि विस्फोटक डिब्बे के अंदर थे, नहीं तो विस्फोट से पूरा इलाका तबाह हो सकता था. जहां विस्फोटक से भरा वाहन पलटा था उससे कुछ दूरी पर रिहायशी इलाका और अस्पताल भी है.
पुलिस ने दर्ज किया केस
फिलहाल पुलिस ने पश्चिम बंगाल में रहने वाले वाहन मालिक इंजमाम मनाहर, रानीगंज के वाहन के लीज धारक मोहम्मद अकबर कुरैशी, वाहन चालक टीपू खान, बारूद बेचने वाला जावेद और बारूद खरीदने वाले के खिलाफ विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया है. पुलिस का कहना हैकि मामले को लेकर कार्रवाई की जा रही है. इसी थाना क्षेत्र के इलाके में वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में नक्सलियों ने लैंडमाइंस ब्लास्ट कर चुनाव कराकर लौट रहे बैंककर्मी सहित 8 पुलिस कर्मियों को मौत के घाट उतार दिया था.
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