Jharkhand News: राजधानी रांची के चुटिया इलाके का एक मंदिर इन दिनों आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. लोअर चुटिया क्षेत्र स्थित स्वर्णरेखा धाम में 108 फीट ऊंचे शिवलिंग मंदिर का निर्माण किया जा रहा है. मंदिर की बुनियाद से ऊंचाई 108 फीट है. बताया जा रहा है कि देश का सबसे बड़ा शिवलिंग नुमा मंदिर होगा. गिरिडीह के बगोदर में हरिहर धाम के प्रसिद्ध शिवलिंग की ऊंचाई 65 फीट बताई जाती है. 108 फीट ऊंचे शिवलिंग मंदिर की स्थापना बेहद अलौकिक तरीके से की जा रही है.
शिवलिंग मंदिर का निर्माण कार्य 5 वर्षों से जारी
मंदिर में स्थापित होने वाला शिवलिंग नर्मदेश्वर पत्थर है. ये पत्थर नर्मदा नदी के अंदर से निकाला जाता है. ऊंचाई तीन फीट और चौड़ाई साढ़े चार फीट है. बताया जा रहा है कि शिवलिंग की सजावट का सामान कर्नाटक के नागा मंगला से मंगाया जा रहा है और मंदिर निर्माण करने वाले कारीगर भी कर्नाटक आ रहे हैं. चुटिया स्वर्णरेखा धाम के अध्यक्ष सुरेश साहू ने मीडिया को बताया कि शिवलिंग मंदिर का निर्माण कार्य पिछले 5 सालों से जारी है. आपसी सहयोग कर एक करोड़ पचास लाख की लागत से बनाया जा रहा है. निर्माण में उड़ीसा और कर्नाटक के कारीगर लगे हुए हैं. उन्होंने बताया कि मंदिर की ऊंचाई देश के सभी शिवलिंग मंदिर की तुलना में अधिक है.
बगोदर हरिहर धाम शिवलिंग की ऊंचाई 65 फीट
सुनील साहू ने बताया कि मंदिर के निर्माण से शिव भक्तों के बीच आस्था की अनोखी तस्वीर जाएगी. मंदिर का निर्माण अपार श्रद्धा का ही नतीजा है. इसके अलावा देश में गिरिडीह जिले के बगोदर हरिहर धाम शिवलिंग की ऊंचाई 65 फीट है. इसके अंदर छोटा सा एक और शिवलिंग स्थापित है. उसकी पूजा शिव भक्त करते हैं. कर्नाटक के कोलार जिले में कोटी लिंगेश्वर धाम की उचाई 108 फिट बताई जाती है. भोपाल से 30 किलोमीटर दूर स्थित भोजपुर का शिव मंदिर भारतीय पुरातत्व का अनोखा नमूना है. लेकिन उससे भी खास है शिवलिंग. शिव मंदिर की ऊंचाई 106 फीट और चौड़ाई 77 फीट है. मंदिर का निर्माण राजा भोज ने एक ही रात में करवाया था.
कहा जाता है कि शिवलिंग एक ही चट्टान से निर्मित है. छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिला मुख्यालय से 3 किलोमीटर दूर बसा मरोदा गांव में जमीन से लगभग 18 फीट ऊंचा और 20 फीट गोलाकार का शिवलिंग स्थित है. स्वर्णरेखा धाम समिति के अध्यक्ष सुरेश साहू ने बताया कि 3 मई को अक्षय तृतीया है. अक्षय तृतीया पर कलश यात्रा निकाली जाएगी. 4 मई को मूर्तियों की पूजा अर्चना और रामायण पाठ का आयोजन किया गया है. 6 मई को प्रतिमाओं की प्रतिष्ठा और साथ-साथ भंडारे का भी आयोजन किया गया है. आपको बता दें कि मंदिर में 15 लाख की लागत से सिर्फ दरवाजा तैयार किया जा रहा है. सागवान की लकड़ी से तैयार दरवाजे के ऊपर पीतल का लैप भी चढ़ाया जाएगा. भक्त 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन कर पाएंगे. सुरेश साहू ने कहा कि किसी भी दृष्टिकोण से मंदिर की भव्यता कम नहीं आंकी जाएगी.