Jharkhand: 'कैबिनेट नोट' में छेड़छाड़ करने पर घिरे IAS अधिकारी के श्रीनिवासन, सोरेन सरकार ने भेजा कारण बताओ नोटिस
Ranchi: झारखंड सरकार के कारण बताओ नोटिस का के श्रीनिवासन ने जवाब नहीं दिया, जिसके बाद उन्हें पद से हटा दिया गया और फिलहाल वह अपनी पोस्टिंग का इंतजार कर रहे हैं.
Jharkhand News: झारखंड सरकार ने 2005-बैच के आईएएस अधिकारी के श्रीनिवासन (K Srinivasan) को चार कारण बताओ नोटिस भेजा है. दरअसल, संबंधित विभागों के अधिकारियों की जानकारी के बिना कई फैसले लेने के साथ ही उनपर कैबिनेट के फैसलों से छेड़छाड़ करने का भी आरोप लगया गया है. बता दें कि, श्रीनिवासन को इस साल मई और जून में नोटिस भेजे गया था, तब वह राज्य के अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के सचिव थे. द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, झारखंड सरकार के नोटिस का के श्रीनिवासन ने जवाब नहीं दिया, जिसके बाद उन्हें पद से हटा दिया गया और फिलहाल वह अपनी पोस्टिंग का इंतजार कर रहे हैं.
बता दें कि, 22 जून को कार्मिक, प्रशासनिक सुधार और राजभाषा विभाग के अपर सचिव विनोद कुमार द्वारा जारी किए गए नोटिस में एक मामला कैबिनेट नोट के साथ छेड़छाड़ से भी जुड़ा हुआ है. दरअसल, नोटिस में कहा गया है कि 15 मार्च 2023 को एसटी, एससी, पिछड़ा, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग पर अनुमोदित कैबिनेट नोट में 31.39 करोड़ रुपये की लागत पर एक साल की अवधि के लिर छह एकलव्य विद्यालयों के संचालन के विस्तार पर एक पैराग्राफ था. नोट के मुताबिक, इसमें जनजातीय मामलों के मंत्रालय द्वारा पूरा खर्चा उठाया जाएगा. साथ ही पैसा झारखंड आश्रम और एकलव्य विद्यालय एजुकेशन सोसाइटी के खाते में ट्रांसफर किया जाएगा.
के श्रीनिवासन ने क्या किया बदलाव?
हालांकि, श्रीनिवासन के प्रस्ताव ने कैबिनेट नोट में दो अतिरिक्त वाक्य जोड़ी.इसमें “झारखंड आश्रम और एकलव्य विद्यालय शिक्षा सोसायटी की प्रबंधन समिति की बैठक बुलाकर संबंधित गैर सरकारी संगठनों (एकलव्य विद्यालय चलाने वाले) को भुगतान पर निर्णय लिया जाएगा. लिए गए निर्णय के आलोक में संस्थानों को भुगतान किया जाएगा. मिली जानकारी के अनुसार, कैबिनेट नोट के साथ छेड़छाड़ की शिकायत बाद इसे स्तरों पर उठाया गया था। अगर किसी शब्द को बदलना हो तो भी कई स्तरों पर इसकी मंजूरी लेनी पड़ती है. हालांकि, इस मामले में दो वाक्यों को दो बार जोड़ा गया और जिसका दुरुपयोग करने की पूरी संभावना थी.