Jharkhand News: IAS पूजा सिंघल को खूंटी के मनरेगा घोटाले में पांच फीसदी का कमीशन मिला, ED ने अदालत को दी जानकारी
Ranchi News: ईडी कहा है कि सिंघल के ICICI बैंक के खातों में 73.81 लाख रुपये जमा मिले. उसका दावा है कि इनमें से 61.5 लाख रुपये 2009 और 2011 के बीच जमा कराए गए थे. यह रकम उनकी घोषित आय से काफी अधिक है.
Ranchi: मनी लॉड्रिंग के आरोप में जेल में बंद झारखंड की आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल (Pooja Singhal IAS) को एक और झटका लगा है.ईडी (Enforcement Directorate) ने मंगलवार को जमानत पर हुई सुनवाई के दौरान अदालत को बताया कि सिंघल को खूंटी में विकास परियोजनाओं में मनरेगा (MGNREGA) के काम के लिए बांटे गए पैसों में से पांच फीसदी कमीशन मिला था. ईडी ने खूंटी जिले (KHUNTI District) में मनरेगा के पैसे के गबन मामले की जांच में अदालत को सौंपी अपनी प्रॉसिक्यूशन कंप्लेंट (यह चार्जशीट के बराबर होता है)में यह बात कही है. अदालत ने सिंघल की जमानत याचिका खारिज कर दी थी.
ईडी ने क्या आरोप लगाए हैं
ईडी ने पूजा सिंघल पर दो पैन (स्थायी खाता संख्या) रखने का भी आरोप लगाया है.जांच एजेंसी ने कहा है कि सिंघल के आईसीआईसीआई बैंक के खातों में 73.81 लाख रुपये जमा मिले. उसका दावा है कि इनमें से 61.5 लाख रुपये 2009 और 2011 के बीच जमा कराए गए थे. ईडी ने कहा है कि पूजा सिंघल ने 2005 से 2012-13 के बीच आईसीआईसीआई बैंक की 13 बीमा पॉलिसियां खरीदीं थीं. इसके लिए उन्होंने 80 लाख 81 हजार रुपये का भुगतान किया था. जांच एजेंसी का कहना है कि यह रकम इस अवधि में सिंघल की ओर दायर आईटीआर में घोषित आय से बहुत अधिक थी.
अखबार 'इंडियन एक्सप्रेस' के मुताबिक ईडी ने पूजा सिंघल के खिलाफ कई आरोपों का उल्लेख किया है.इसमें राज्य के खजाने से 18.06 करोड़ रुपये का गबन करने के लिए खूंटी जिले के अधिकारियों के साथ साठगांठ और 2009 से 2011 के बीच आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक 61.5 लाख रुपये अपने बैंक खाते में जमा करना शामिल है.
कैसे खुला घोटाले
ईडी के मुताबिक यह जानकारी तब सामने आई जब डीसी के रूप में सिंघल की जगह लेने वाले अधिकारी ने इंजीनियरों द्वारा किए गए कार्यों का ऑडिट करने के लिए एक जांच समिति का गठन किया.ईडी द्वारा जांच की गई फाइल नोटिंग के अनुसार,सिंघल ने मनरेगा के काम के लिए इन फंडों के उपयोग के बारे में अपने वरिष्ठ अधिकारियों को भी नहीं बताया था.
एजेंसी ने पल्स संजीवनी के बैंक खातों की भी जांच की. उसने आरोप लगाया कि 2012-13 और 2019-20 के बीच, कंपनी ने कुल 69.17 करोड़ रुपये का कारोबार दिखाया गया, जबकि बैंक खातों में प्राप्त कुल क्रेडिट 163.59 करोड़ रुपये थे.ईडी की शिकायत में कहा गया है कि अभिषेक झा ने अपनी कंपनी के जरिए पल्स अस्पताल बनाने के लिए यूनिक कंस्ट्रक्शन को 6.19 करोड़ रुपये का भुगतान किया.
घर से मिले थे 20 करोड़ रुपये
ईडी ने इस साल 6 को आइएएस पूजा सिंघल,उनके पति अभिषेक झा और सीए सुमन कुमार से जुड़ी कई संपत्तियों की तलाशी ली थी. इसमें 19.76 करोड़ रुपये नकद बरामद किए गए थे.इसके बाद पूजा सिंघल और सुमन कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया था.दोनो न्यायिक हिरासत में हैं.अभिषेक झा अग्रिम जमानत के लिए अदालत में हैं.
यह मामला तब पकड़ में आया जब ईडी ने खूंटी जिले के जूनियर इंजीनियर राम विनोद प्रसाद सिन्हा और तीन अन्य अधिकारियों के खिलाफ मनरेगा के फंड में घोटाले की जांच की. मूल मामले में ये चार लोग ही आरोपी हैं. ईडी का आरोप है कि सिंघल ने सिन्हा की मदद से वह विभिन्न विकास परियोजनाओं में गबन करने में वो सफल रहीं. उन्होंने सिन्हा से नगद पैसे लिए और उसकी अनियमितताओं को नजरअंदाज किया. यह मामला तब खुला जब सिंघल के बाद आए जिला उपायुक्त ने इस हेराफेरी की जांच के लिए एक समिति बनाई.
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