Jharkahnd News: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) के पूर्व प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का के वायरल वीडियो की जांच के लिए गठित आयोग ने पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी (Babulal Marandi) से सबूत मांगा है. मरांडी को नोटिस भेजकर आयोग ने वायरल वीडियो से संबंधित सभी सबूत उपलब्ध कराने के लिए कहा है. आयोग ने राजीव अरुण एक्का को भी नोटिस दिया है. एक्का से 15 जून तक वायरल वीडियो से संबंधित जानकारी मांगी गयी है.


क्या है पूरा मामला?
बता दें कि, मरांडी ने प्रेस कांफ्रेंस कर मुख्यमंत्री के पूर्व प्रधान सचिव का एक वीडियो जारी किया था. वीडियो में एक्का किसी के निजी ऑफिस में बैठ कर सरकारी फाइलों का निबटारा कर रहे थे. ऑफिस विशाल चौधरी नाम के व्यक्ति का बताया गया था. वायरल वीडियो में पीछे से रुपये के लेन-देन की बात भी सुनायी दे रही थी. इसके बाद राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव के पद से हटाते हुए उनका तबादला पंचायती राज सचिव के रूप में कर दिया था. साथ ही मामले की जांच के लिए झारखंड उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश विनोद कुमार गुप्ता की अध्यक्षता में आयोग गठित किया था.


बता दें कि, आयोग के अध्यक्ष विनोद कुमार गुप्ता ने आईएएस अधिकारी राजीव अरुण एक्का के खिलाफ आरोपों की जांच शुरू कर दी है. शुक्रवार को आयोग ने जहां पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी से साक्ष्य मांगा, वहीं एक्का से 15 जून तक वायरल वीडियो से संबंधित जानकारी मांगी गयी है. आयोग ने सार्वजनिक आयोग ने सार्वजनिक सूचना जारी कर मामले में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कोई जानकारी रखनेवाले लोगों से सामने आकर सहयोग करने का आग्रह किया है. 


आयोग ने की ये अपील
आयोग के सचिव अखिलेश कुमार सिन्हा द्वारा जारी सूचना में कहा गया है कि, महत्वपूर्ण पद पर रहते हुए राजीव अरुण एक्का ने कथित तौर पर अनधिकृत रूप से कुछ आधिकारिक दस्तावेजों पर अनधिकृत व्यक्ति की कथित उपस्थिति में हस्ताक्षर किये. ऐसे में कोई भी व्यक्ति जो इसकी जानकारी रखता हो, 15 जून तक आयोग के पते पर लिखित सूचना दे सकता है. सूचना रांची में कांके रोड स्थित आबकारी भवन के दूसरे तल पर कमरा नंबर 215 पर हाथो-हाथ या डाक से दी जा सकती है, जरूरत पड़ने पर आयोग सूचना उपलब्ध कराने वाले को गवाह के तौर पर उपस्थित होने के लिए बुला सकता है.




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