(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Jharkhand: आयकर विभाग की छापेमारी में दो करोड़ से अधिक कैश बरामद, 16 बैंक लॉकर्स पर लगाई रोक
Ranchi: 4 नवंबर को शुरू की गई कार्रवाई की जद में दो नेता और उनके सहयोगी भी शामिल हैं. तलाशी में कई आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल सबूत भी जब्त किए गए हैं. आयकर विभाग मामले की जांच कर रहा है.
Ranchi News: आयकर विभाग (Income Tax Department) की ओर से मंगलवार को कहा गया कि हाल ही में झारखंड (Jharkhand) में कोयला व्यापार, परिवहन, लौह खनन आदि से जुड़े कुछ व्यापारिक समूहों के यहां की गई छापेमारी में 100 करोड़ रुपये से अधिक के बेहिसाब लेनदेन/निवेश का पता चला है. 4 नवंबर को शुरू की गई कार्रवाई की जद में दो नेता और उनके सहयोगी भी शामिल हैं.
16 बैंक लॉकरों पर रोक लगाई गई
आयकर विभाग ने कहा कि तलाशी के दौरान 2 करोड़ रुपये से अधिक की अघोषित नकदी भी जब्त की गई है और 16 बैंक लॉकरों पर रोक लगाई गई है. अब तक की तलाशी में 100 करोड़ रुपये से अधिक के बेहिसाब लेनदेन / निवेश का पता चला है. विभाग ने रांची, गोड्डा, बेरमो, दुमका, जमशेदपुर, चाईबासा, पटना, गुरुग्राम व कोलकाता में स्थित 50 से अधिक परिसरों में तलाशी ली.
छापेमारी में बड़ी संख्या में आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त
तलाशी अभियान में बड़ी संख्या में आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य जब्त किए गए हैं. इन साक्ष्यों के प्रारंभिक विश्लेषण से संकेत मिला है कि व्यापारिक समूहों ने कर चोरी के विभिन्न तरीकों, जैसे नकदी में ऋण का लेनदेन, नकदी में भुगतान और उत्पादन में कमी का सहारा लिया. आईटी विभाग ने कहा, जांच के दौरान अचल संपत्तियों में किए गए निवेश के श्रोत का संतोषजनक स्पष्टीकरण सामने नहीं आया. ठेका आदि लेने वाला एक समूह अपने खातों को नियमित ढंग से अपडेट नहीं कर रहा था. यह समूह वर्ष के अंत में एकमुश्त कच्चे माल/उप-अनुबंध व्यय की खरीद के गैर-वास्तविक लेनदेन के अपने खर्चे को बढ़ा रहा था.
मामले में अभी और भी परतें खुलना बाकी
आयकर विभाग ने कहा कि लौह अयस्क व कोयला व्यापार में लगे दूसरे समूह के मामले में भारी मूल्य के लौह अयस्क का बेहिसाब स्टॉक पाया गया. उक्त समूह ने मुखौटा कंपनियों के माध्यम से अपने बेहिसाब धन को असुरक्षित ऋण और शेयर पूंजी के रूप में पेश किया है. इस समूह से जुड़े पेशेवरों ने स्वीकार किया है कि उन्होंने किसी भी सहायक दस्तावेज का सत्यापन नहीं किया था और कंपनी के लेखाकार द्वारा तैयार ऑडिट रिपोर्ट पर हस्ताक्षर कर दिए थे. विभाग अभी मामले की जांच कर रहा है.
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