Jamshedpur: कैदी मनोज सिंह मर्डर केस में 15 दोषियों को सुनाई गई फांसी की सजा, 7 को 10 साल की कैद
Jamshedpur News: झारखंड (Jharkhand) के जमशेदपुर में कैदी मनोज सिंह की हत्या के मामले में 15 दोषियों को फांसी की सजा सुनाई गई है. मामले में सात को 10 साल की सजा सुनाई गई है.
Jamshedpur Manoj Singh Murder Case: जमशेदपुर (Jamshedpur) अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेंद्र कुमार सिन्हा (Rajendra Kumar Sinha) की अदालत ने घाघडीह सेंट्रल जेल में बंद विचाराधीन कैदी मनोज सिंह (Manoj Singh) की हत्या और सुमित सिंह (Sumit Singh) की बेधड़क पिटाई के मामले में दोषी करार दिए गए 22 लोगों को सजा सुनाई है. इसमें 15 दोषियों को फांसी की सजा और सात दोषियों को 10 साल की सजा सुनाई गई है. जमशेदपुर कोर्ट का ये पहला मामला है, जब किसी मामले में सभी दोषियों को सजा सुनाई गई है.
2019 में घटी थी घटना
बता दें कि, घाघडीह सेंट्रल जेल में 25 जून 2019 को गैंगस्टर अखिलेश सिंह गिरोह के सदस्य मनोज सिंह की हत्या कर दी गई थी. 6 अगस्त को अदालत ने हत्या में 15, जबकि हत्या से पहले हमले में 7 लोगों को दोषी करार दिया था. इस मामले में अपर लोक अभियोजक राजीव कुमार ने पैरवी की. मनोज सिंह दहेज प्रताड़ना के मामले में 10 वर्ष की सजा में जेल गए थे और जेल के भीतर वर्चस्व कायम करने को लेकर उनकी पिटाई कर हत्या कर दी गई थी, वहीं सुमित सिंह नाम के विचाराधीन कैदी की भी बुरी तरह पिटाई की गई थी. मामले में उच्च न्यायलय के आदेश पर त्वरित विचार करते हुए जिला एवं सत्र न्यायधीश राजेंद्र सिन्हा के अदालत ने मामले मे संलिप्त 15 अभियुक्तओं को फांसी की सजा सुनाई है, वहीं मामले 7 और अभियुक्तओं को 10 वर्ष की सजा सुनाई गई है.
पीट-पीटकर कर दी गई थी हत्या
घाघडीह जेल में 25 जून 2019 को टेलीफोन बूथ पर बात करने को लेकर अखिलेश सिंह गिरोह के हरीश सिंह और सजायाफ्ता कैदी पंकज दुबे के बीच विवाद हुआ था. इसमें हरीश सिंह गिरोह के सदस्य सुमित सिंह, मनोज कुमार सिंह, अविनाश श्रीवास्तव सहित अन्य लोग थे, उन्होंने पंकज दुबे की पिटाई कर दी. इस हमले के विरोध में सजायाफ्ता कैदियों ने हंगामा करते हुए हरीश सिंह गुट पर हमला कर दिया. हमले के दौरान मनोज सिंह की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी. मनोज सिंह को जेल से एमजीएम अस्पताल लाया गया था, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया था.
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