(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Jharkhand Politics: टाटा समूह के खिलाफ JMM की मोर्चाबंदी, मंत्री ने कैंसर हॉस्पिटल की जमीन पर उठाए सवाल
Jharkhand News: झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता (Banna Gupta) ने कहा है कि टाटा ट्रस्ट को कैंसर हॉस्पिटल के लिए जितनी जमीन दी गई है, वो उसकी जरूरत से ज्यादा है. जमीन वापस ली जानी चाहिए.
Jharkhand JMM Protest Against Tata Group: टाटा समूह के लिए झारखंड में लगातार असहज हालात बनते जा रहे हैं. राज्य की सत्ताधारी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा (Jharkhand Mukti Morcha) ने जहां अपनी मांगों को लेकर टाटा के खिलाफ आंदोलन का रुख अख्तियार कर रखा है, वहीं राज्य सरकार के कुछ मंत्री टाटा समूह के खिलाफ लगातार बयानबाजी कर रहे हैं. ताजा मामला रांची में बन रहे टाटा के कैंसर हॉस्पिटल (Cancer Hospital) का है, पूर्ववर्ती सरकार द्वारा दी गई जमीन पर राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता (Banna Gupta) ने सवाल खड़ा किया है. मंत्री का कहना है कि टाटा ट्रस्ट को हॉस्पिटल के लिए जितनी जमीन दी गई है, वो उसकी जरूरत से ज्यादा है. ऐसे में अनुपयोगी जमीन टाटा से वापस ली जानी चाहिए. मंत्री ने इसकी समीक्षा और आगे की कार्रवाई के लिए स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव को पत्र भी लिखा है.
एक रुपये की टोकन मनी पर उपलब्ध कराई गई जमीन
बता दें कि, झारखंड में रघुवर दास के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती सरकार ने टाटा ट्रस्ट के आग्रह पर रांची के कांके में स्टेट ऑफ आर्ट कैंसर हॉस्पिटल के लिए 23.5 एकड़ जमीन एक रुपये की टोकन मनी पर उपलब्ध कराई थी. नवबंर 2018 में इस हॉस्पिटल के शिलान्यास के मौके पर टाटा समूह के चेयरमैन रतन टाटा खुद आए थे. 302 बेड के इस प्रस्तावित हॉस्पिटल के भवन का निर्माण लगभग पूरा कर लिया गया है और आगामी 26 जनवरी को इसका उद्घाटन होना है. बताया गया है कि फिलहाल 89 बेड का हॉस्पिटल तैयार हुआ है. बाद में इसका विस्तार कर इसकी क्षमता 302 बेड की जाएगी. अब हॉस्पिटल के उद्घाटन के पहले स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता द्वारा इसे मिली जमीन पर सवाल उठाए जाने से टाटा समूह के इस प्रोजेक्ट के प्रभावित होने की आशंका जताई जा रही है.
मंत्री ने पहले की थी तारीफ
गौरतलब है कि, मंत्री बन्ना गुप्ता टाटानगर जमशेदपुर पश्चिमी क्षेत्र के विधायक हैं और पिछले कुछ दिनों से वो टाटा समूह के खिलाफ लगातार हमलावर हैं, जबकि बीते जुलाई में उन्होंने जब इस निमार्णाधीन हॉस्पिटल का निरीक्षण किया था तब इसे कैंसर मरीजों के लिए वरदान बताया था. इस महीने मंत्री के सुर अचानक बदल गए. उन्होंने बीते 14 नवंबर को जमशेदपुर में एक प्रेस कांफ्रेंस कर टाटा पर जमशेदपुर में खेल मैदान और खाली जमीन पर कब्जे का आरोप लगाया. इसके बाद 16 नवंबर को जमशेदपुर में भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा के समक्ष टाटा के खिलाफ ये आरोप लगाते हुए धरना दिया कि वो अपने सामाजिक दायित्वों का निर्वाह नहीं कर रही है. मंत्री बन्ना गुप्ता का कहना था कि बिरसा मुंडा की जयंती 15 नवंबर के दिन उनकी प्रतिमा पर टाटा समूह के किसी वरीय अधिकारी द्वारा माल्यार्पण ना किया जाना उनका अपमान है.
हमलावर है झारखंड मुक्ति मोर्चा
टाटा समूह को जमशेदपुर और चाईबासा में भी झारखंड की सत्ताधारी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा का विरोध झेलना पड़ रहा है. टाटा कमिंस और टाटा मोटर्स का मुख्यालय पुणे स्थानांतरित करने के खिलाफ झामुमो के 8 विधायकों और उनके समर्थकों ने बीते 17 नवंबर को टाटा के विभिन्न कार्यालयों का गेट पूरे दिन जाम कर दिया था. झामुमो ने कंपनी को ज्ञापन सौंपकर झारखंड स्थित सभी प्लांटों और कार्यालयों में तृतीय और चतुर्थ वर्ग के 75 प्रतिशत पदों पर स्थानीय लोगों की नियुक्ति की भी मांग रखी है. इस मुद्दे पर सकारात्मक निर्णय ना लिए जाने पर पार्टी ने टाटा के खिलाफ बेमियादी आर्थिक नाकेबंदी की धमकी दी है. पिछले दिनों झारखंड सरकार के मंत्री मिथिलेश ठाकुर और चंपई सोरेन ने भी टाटा समूह के खिलाफ बयान दिए थे. इन दोनों मंत्रियों ने टाटा पर झारखंड के हितों की उपेक्षा का आरोप लगाया है. कुल मिलाकर, सत्ताधारी पार्टी की घेरेबंदी से टाटा के लिए पूरे झारखंड में असहज स्थितियां पैदा हो गई हैं.
भाजपा ने राज्य सरकार को घेरा
इधर, झारखंड की प्रमुख विपक्ष पार्टी भाजपा के नेताओं ने आरोप लगाया है कि झामुमो का विरोध किसी खास एजेंडे का हिस्सा है. पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास का कहना है कि झारखंड जैसे गरीब राज्य के लिए टाटा का कैंसर अस्पताल संजीवनी का काम करेगा, पर असंवेदनशील हेमंत सरकार का रवैया निराशाजनक है. अब कैंसर अस्पताल पर भी वो ग्रहण लगाने के फेर में है.
स्वास्थ्य मंत्री को अपना फैसला वापस लेना चाहिए
रांची के भाजपा सांसद संजय सेठ ने कहा है कि अस्पताल का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है और अब हेमंत सरकार इसे रोकने पर आमादा है. एक तो सरकार खुद कुछ कर नहीं रही, ऊपर से जो कार्य हो रहे हैं, उसे रोकना दुर्भाग्यपूर्ण है. स्वास्थ्य मंत्री को अपना फैसला वापस लेना चाहिए. ऐसा नहीं होने पर सड़कों पर उतर कर विरोध किया जाएगा. भाजपा के राज्यसभा सांसद महेश पोद्दार ने भी इस मुद्दे पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. उन्होंने सवालिया लहजे में पूछा है कि कोई मुझे समझाए कि अस्पताल बन जाने के बाद बची जमीन पर टाटा ट्रस्ट दुकान खोलेगा या अपना बंगला बनाएगा? एक तरफ सरकार मंत्रियों के बंगले के लिए कई एकड़ जमीन दे रही है तो दूसरी तरफ टाटा के कैंसर हॉस्पिटल को दी गई जमीन को अनुपयोगी बताना अजीबोगरीब है.
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