Jamshedpur Medical College Hospital Junior Doctors Strike: जमशेदपुर (Jamshedpur) स्थित महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एमजीएमसीएच) के 200 से भी ज्यादा जूनियर डॉक्टर (Junior Doctors) और इंटर्न पिछले 2 दिनों से हड़ताल पर हैं. इस वजह से 2 दिनों में एक हजार से भी ज्यादा मरीजों को हॉस्पिटल से बगैर इलाज लौटना पड़ा है. इन डॉक्टरों को पिछले 5 महीनों से वेतन नहीं मिला है. आंदोलित डॉक्टरों का कहना है कि जब तक उनके अकाउंट में सैलरी नहीं आती, उनकी हड़ताल (Strike) जारी रहेगी.
चरमरा गई है व्यवस्था
गौरतलब है कि, एमजीएमसीएच झारखंड के कोल्हान प्रमंडल का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल है. यहां आउटडोर और इनडोर की व्यवस्था जूनियर डॉक्टर ही संभालते हैं. उनकी हड़ताल की वजह से हॉस्पिटल की व्यवस्था चरमरा गई है. उनके आंदोलन की सूचना पकर जमशेदपुर पूर्वी विधायक सरयू राय अस्पताल पहुंचे और जूनियर डॉक्टरों को समझाने का प्रयास किया. सरयू राय ने बताया कि उन्होंने मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव से फोन पर बात की है. उन्होंने 2 दिनों में वेतन मिल जाने की बात कही है. सरयू राय ने कहा कि अगर 2 दिनों में वेतन नहीं मिलता है तो वो सचिवालय के बाहर धरने पर बैठेंगे.
'भूखे पेट कैसे काम कर सकते हैं'
इधर डॉक्टरों ने कहा कि उन्हें आश्वासनों पर भरोसा नहीं है, उन्होंने इसी मांग को लेकर पहले भी हड़ताल की थी. तब स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बात की थी और 10 दिनों में वेतन भुगतान की बात कही थी. इस आश्वासन के कई रोज गुजर गए हैं, लेकिन आज तक उन्हें भुगतान नहीं हुआ है. आखिर वो भूखे पेट कैसे काम कर सकते हैं.
आंदोलन की तैयारी
इधर, राज्य के सबसे बड़े मेडिकल कॉलेज रिम्स के जूनियर डॉक्टर भी कोरोना काल में की गई सेवा के लिए घोषित इंसेंटिव के भुगतान की मांग को लेकर आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं. रिम्स के जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन का कहना है कि जब कोरोना में अपनों ने साथ छोड़ दिया तो हमने अपनी जान की परवाह किए बिना मरीजों का इलाज किया. इस दौरान कुछ डॉक्टर भी मौत की नींद सो गए. इसके बाद भी रिम्स के 300 डॉक्टरों को कोविड इंसेंटिव नहीं मिला है. ना तो स्वास्थ्य विभाग को हमारी चिंता है और ना ही रिम्स प्रबंधन को. बता दें कि कोरोना में ड्यूटी करने वाले सभी हेल्थ वर्कर्स को एक महीने का अतिरिक्त पेमेंट देने की घोषणा की गई थी.
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