Jharkhand Scuffle Between Journalists And Security Personnel In Assembly: झारखंड विधानसभा (Jharkhand Assembly) परिसर में सोमवार को विशेष सत्र से पहले पत्रकारों (Journalists) और सुरक्षा कर्मियों के बीच धक्का-मुक्की हो गई. पत्रकारों को विधानसभा हॉल के द्वार पर रोक लिया गया और जब उन्होंने जबरन घुसने की कोशिश की तो सुरक्षा कर्मियों (Security Personnel) ने उन्हें बाहर कर दिया. इस बीच कुछ पत्रकारों और कैमरामैन की तरफ से कहा गया कि, आवश्यक पास होने के बाद भी उन्हें विधानसभा में घुसने नहीं दिया गया. अब इस मामले को लेकर सियासत भी शुरू हो गई है. राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता बाबूलाल मरांडी ने इस घटना की निंदा की है.


'मुख्यमंत्री और उनकी टीम पत्रकारों से डरी हुई है'
बाबूलाल मरांडी (Babulal Marandi) ने ट्वीट कर कहा कि, ''आज झारखंड विधानसभा में मीडियाकर्मियों के साथ पुलिस, सुरक्षाकर्मियों ने जिस तरह का दुर्व्यवहार, धक्का-मुक्की की है, उसकी हम घोर निंदा करते हैं. लगता है कि अपने कारनामों के लगातार देश-विदेश में उजागर हो रहे, होने से मुख्यमंत्री और उनकी लुटेरी टीम पत्रकारों से भी डरी हुई है.''




अपने-अपने तर्क 
बता दें कि, इस पूरे मामले को लेकर विधानसभा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि वैध पास रखने वाले लोगों को सदन में प्रवेश करने में दिक्कत नहीं आई. उन्होंने कहा कि, ''हमने पिछले सत्र के पास वाले पत्रकारों को अनुमति दी. पास में प्रवेश के नियमों का स्पष्ट उल्लेख है.'' 


पास को लेकर जारी नहीं किया गया नोटिस 
झारखंड विधानसभा की ओर से सोमवार को आयोजित विशेष सत्र के लिए पत्रकारों को कोई पास जारी नहीं किया गया था जिसमें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विश्वास मत रखा था. पत्रकारों ने कहा कि पास को लेकर विधानसभा से कोई नोटिस जारी नहीं किया गया था. 


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