Jharkhand News: एसटी दर्जे की मांग को लेकर कुर्मी समुदाय करेगा रेल रोको आंदोलन, कुर्माली भाषा को लेकर होगी ये मांग
Protest in Jharkhand: कुर्मी संगठनों ने दावा किया है कि अपनी मांगो को लेकर झारखंड के सिर्फ चार जगहों से नीमडी, गोमो, मनोहरपुर और मुरी में बड़ी संख्या में लोग एक साथ रेल पटरियों पर डेरा डालेंगे.
Kurmi Samaj Andolan in Jharkhand: कई कुर्मी संगठनों ने समुदाय के लिए अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मांग को लेकर 20 सितंबर से झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओडिशा के नौ रेलवे स्टेशनों पर अनिश्चितकालीन रेल नाकाबंदी का आह्वान किया है. इस प्रदर्शन के दौरान कुर्मी संगठन कुर्माली भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग भी करेंगे. इन तीन राज्यों में, समुदाय को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) में सूचीबद्ध किया गया है.
झारखंड में कुर्मियों के अधिकारों के लिए लड़ने वाली अग्रणी संस्था टोटेमिक कुर्मी विकास मोर्चा (टीकेवीएम) के अध्यक्ष शीतल ओहदार ने सोमवार (18 सितंबर) को कहा कि यह आंदोलन पश्चिम बंगाल के आदिवासी कुर्मी समाज और ओडिशा के कुर्मी सेना सहित विभिन्न संगठनों द्वारा आयोजित किया जा रहा है. ओहदार ने यहां मीडिया को बताया कि 20 सितंबर से झारखंड के मुरी, गोमोह, नीमडीह, घाघरा स्टेशनों और पश्चिम बंगाल के खेमासुली और कुस्तौर के अलावा ओडिशा के हरिचंदनपुर, जराइकेला और धनपुर स्टेशनों पर अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू होगा.
इस तरह प्रदर्शन करेंगे समुदाय के लोग
टीकेवीएम के अध्यक्ष शीतल ओहदार ने कहा, 'कुर्मी समुदाय के हजारों लोग अपनी पारंपरिक वेशभूषा, ढोल और अन्य संगीत वाद्ययंत्रों के साथ आंदोलन में भाग लेंगे और छऊ नृत्य, पाटा नृत्य, नटुवा नृत्य, घोड़ा नृत्य और झूमर नृत्य करेंगे.' गौरतलब है कि बीते दो साल में इन्हीं मांगों को लेकर कुर्मियों का यह दूसरा बड़ा आंदोलन है. इससे पहले अप्रैल 2023 में भी कुर्मी समुदाय के लोगों ने बड़ी संख्या में झारंखंड के कई रेलवे स्टेशनों पर धरना प्रदर्शन किया था. इस विरोध प्रदर्श के दौरान झारखंड में करीब 250 से अधिकर ट्रेनों को रद्द करना पड़ा था.
कुर्मी समुदाय करेगा 'रेल टेका, डहर छेका' आंदोलन
आगामी 20 सितंबर को होने वाले प्रदर्श को लेकर कुर्मी संगठनों का दावा किया कि इस बार 20 सितंबर से इस बार प्रदेश के सिर्फ चार जगहों से नीमडी, गोमो, मनोहरपुर और मुरी में बड़ी संख्या में लोग एक साथ रेल पटरियों पर डेरा डालेंगे. इस आंदोलन को लेर आदिवासी कुर्मी समाज के एक प्रवक्ता ने बताया कि इस बार समुदाय अपनी मांगो लेकर 'रेल टेका, डहर छेका' (रेल रोको, रास्ता रोको) का आंदोलन अभूतपूर्व होगा. प्रदर्शन के दौरान नेशनल हाईवे को भी रोकने के प्लान बना रहे हैं. वहीं आदिवासी संगठन कुर्मी समुदाय की एसटी की मांग का विरोध जता रहे हैं. उनका कहना है कि कुर्मी समुदाय को एसटी का दर्जा देना आदिवासी समुदाय के अस्तित्व पर हमला है.
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