Jharkhand News: बंगाल, झारखंड और उड़ीसा के कुरमी समुदाय द्वारा पिछले पांच दिनों से चलाए जा रहे 'रेल रोको आंदोलन' को रविवार देर शाम स्थगित कर दिया गया है. वहीं सोमवार से दक्षिण-पूर्व रेलवे में ट्रेन सेवाएं धीरे-धीरे सामान्य होने लगी हैं. पांच दिनों के आंदोलन के कारण फंसी सैकड़ों मेल-एक्सप्रेस ट्रेनों का परिचालन सोमवार को क्रमवार शुरू किया जा रहा है. रेलवे के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, पांच दिनों तक चले इस आंदोलन की वजह से रेलवे को 1,700 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान उठाना पड़ा है. कुल 435 ट्रेनों को रद्द करना पड़ा और कम से कम सवा चार लाख यात्रियों को अपना सफर स्थगित करना पड़ा. रेलवे ट्रैक क्लीयर नहीं हो पाने की वजह से दो दर्जन से ज्यादा ट्रेनें सोमवार को भी रद्द की गई.


बता दें कि कुरमी जाति को आदिवासी (शेड्यूल्ड ट्राइब) का दर्जा देने की मांग को लेकर बीते 5 अप्रैल से रेल और हाईवे रोको आंदोलन चल रहा था. इस आंदोलन की वजह से पिछले पांच दिनों में छह रेल डिविजनों हावड़ा, आद्रा, खड़गपुर, धनबाद, रांची और चक्रधरपुर के विभिन्न स्टेशनों से होकर गुजरने वाली ट्रेनें बुरी तरह प्रभावित हुईं. वहीं  महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, बिहार, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ के विभिन्न स्टेशनों तक जानेवाली ट्रेनें या तो रोकी गईं या फिर उन्हें बदले रूट से भेजा गया.


स्थगित किया गया आंदोलन
वहीं रविवार देर शाम आदिवासी कुरमी समुदाय के प्रमुख नेता अजीत प्रसाद महतो ने घोषणा की कि बंगाल राज्य प्रशासन से कई दौर की बातचीत हुई है. मांगों पर गतिरोध दूर नहीं हुआ है, लेकिन प्रशासन के आश्वासन पर फिलहाल आंदोलन स्थगित किया जा रहा है. इसके साथ ही रांची-कोलकाता हाईवे पर लगा जाम भी खत्म हो गया है. जानकारी के अनुसार 70-80 मालगाड़ियों के नहीं चलने से लोडिंग व ढुलाई प्रभावित होने के साथ चक्रधरपुर मंडल को राजस्व का रोज करोड़ों का नुकसान हो रहा था. आपको बता दें कि, लगातार हावड़ा-पटना मार्ग पर ट्रेन परिचालन ठप होने से टाटानगर रेलवे को अबतक करीब 45 लाख, जबकि चक्रधरपुर मंडल के अन्य स्टेशनों पर रोज 10-15 लाख का नुकसान होने की उम्मीद है.


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