Jharkhand News: झारखंड में केन्द्रीय जांच एजेंसियों ने एक्शन लेते हुए लगातार कई अधिकारियों, व्यवसायी और नेताओं पर करवाई की है. मगर राज्य में सक्रिय इन भूमाफियाओं पर इसका कोई असर नहीं दिख रहा है. दरअसल, भू माफियाओं ने पूर्व जस्टिस एमवाई इकबाल की जमीन पर कब्जे के इरादे से जमीन पर बनी बाउंड्री को तोड़ दिया है. जिसके बाद झारखंड हाई कोर्ट ने इस मामले पर खुद संज्ञान लिया है. बता दें कि, स्थानीय अखबार में छपी खबर के आधार पर हाई कोर्ट ने यह कदम उठाया है.
इस मामले में कोर्ट ने झारखंड के मुख्य सचिव, प्रधान सचिव गृह विभाग, रांची एसएसपी और लोअर बाजार के थाना प्रभारी को मामले में प्रतिवादी बनाया है. झारखंड हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति एस चंद्रशेखर की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने इस मामले में रांची एसएसपी को व्यक्तिगत रूप से शपथ दाखिल करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने रांची एसएसपी से पूछा है कि, राजधानी रांची में भू माफियाओं द्वारा जमीन कब्जे से संबंधित कितनी शिकायतें आ चुकी है. इसके बाद पुलिस द्वारा मामले में कितने एफआईआर दर्ज किए गए हैं और पुलिस द्वारा इस पर क्या एक्शन लिया गया है और कितनी गिरफ्तारियां की गई हैं.
एडिशनल डीजीपी को इंक्वायरी का निर्देश
कोर्ट ने मामले में एडिशनल डीजीपी आरके मलिक को जमीन कब्जे से संबंधित सभी मामलों की इंक्वायरी करने का निर्देश दिया है. साथ ही संबंधित पुलिस अधिकारियों को जरूरी सहायता प्रदान करने को भी कहा है. कोर्ट ने इस मामले पर अगली सुनवाई 18 जुलाई को करने का फैसला किया है. दरअसल, 25 जून को रांची के विक्रांत चौक के सामने स्थित सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस स्वर्गीय एमवाई इकबाल के जमीन पर बाउंड्री वाल को भू माफियाओं ने तोड़ दिया था, जिसके बाद वहां के गार्ड ने भू माफियाओं को वहां से खदेड़ दिया. साथ ही लोअर बाजार पुलिस को इसकी सूचना भी दी. भू माफिया जमीन पर कब्जा करने के लिए अपने साथ मजदूर, गेट, बालू, सीमेंट और ईट तक लेकर आए थे, बाउंड्री वाल को तोड़कर वो लोग यहां गेट लगाना चाह रहे थे.