(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Jharkhand: कटाव की वजह से बढ़ी लोगों की परेशानी, गंगा में समा सकता है साहिबगंज का बड़ा इलाका
Jharkhand Ganga River: साहिबगंज (Sahibganj) में गंगा नदी (Ganga River) की वजह से हो रहा कटाव गंभीर रूप ले रहा है. लगभग 300 बीघा जमीन नदी में समा चुकी है. चाना और कबूतरखोपी में भी समस्या गंभीर है.
Jharkhand Ganga Erosion in Sahibganj: झारखंड (Jharkhand) के साहिबगंज (Sahibganj) में गंगा नदी (Ganga River) का कटाव खतरनाक रूप अख्तियार कर रहा है. इसकी वजह से आबादी वाला एक बड़ा इलाका नदी में समा सकता है. पिछले डेढ़-दो महीने से नदी का कटाव हर रोज शहरी इलाके की ओर बढ़ रहा है. इसे लेकर पूरा शहर चिंतित है. लगभग 300 बीघा जमीन को नदी का कटाव लील चुका है. पिछले हफ्ते शहर के चानन इलाके में सीवरेज प्लांट की चारदीवारी गंगा में समा गई थी. आशंका व्यक्त की जा रही है कि तत्काल प्रभावी कदम नहीं उठे तो करोड़ों की लागत से बना सीवरेज प्लांट ध्वस्त हो सकता है.
आईआईटी रुड़की की टीम ने किया दौरा
जिला प्रशासन, नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा (एनएमसीजी) और स्थानीय जनप्रतिनिधि कटाव के चलते शहर पर बढ़ते खतरे को लेकर लगातार मंथन कर रहे हैं. आईआईटी रुड़की की टीम ने रविवार को साहिबगंज के प्रभावित इलाकों और गंगा के तटीय क्षेत्रों का निरीक्षण किया था. इस टीम में आईआईटी रुड़की के प्रोफेसर जेड अहमद, जुडको के डीजीएम आलोक मंडल, प्रोजेक्ट मैनेजर राधेकांत, विभूति कुमार, अखिलेश नायक समेत तमाम लोग शामिल थे. मौके पर राजमहल के विधायक अनंत ओझा भी मौजूद थे.
योजना बनाकर काम किया जाना चाहिए
मौके का जायजा लेने के बाद आईआईटी रुड़की के प्रोफेसर जेड अहमद ने बताया कि कटाव की समस्या गंभीर रूप ले रही है. इसे रोकने के लिए नदियों पर काम करने वाली एजेंसियों की निगरानी में कार्ययोजना बनाकर जल्द से जल्द काम शुरू किया जाना चाहिए. जब तक पूरी स्थिति का अध्ययन नहीं कर लिया जाता, कोई भी कदम उठाया जाना नाकाफी होगा. साहिबगंज से लेकर वाराणसी तक गंगा कटाव को रोकने के लिए समन्वित योजना बनाकर काम किया जाना चाहिए.
चपेट में आ सकते हैं कई इलाके
नदी की धारा का स्वरूप बदलने से लिए साहिबगंज शहर के ओझा टोली, धोबी टोला, मलाही टोला, हरिजन टोला, सूर्यदेव घाट और शीतल घाट के किनारे स्थित सैकड़ों मकानों तक पानी पहुंचने की आशंका बढ़ती जा रही है. चाना और कबूतरखोपी में भी समस्या गंभीर है. साहिबगंज के उपायुक्त रामनिवास यादव और राजमहल विधायक अनंत ओझा ने कटाव प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लिया.
क्या कहते हैं स्थानीय लोग
स्थानीय लोग बताते हैं कि 7 से 8 साल पहले तक उत्तर वाहिनी गंगा सीधे रामपुर दियारा के पश्चिमी मुहाने को छूते हुए साहिबगंज में प्रवेश करती थी, लेकिन बाद में ये मुहाना बंद होने से रामपुर दियारा के पश्चिमी छोर से लेकर मदनशाही तक गोखुर झील का निर्माण हो गया था. इसके बाद रामपुर दियारा का पूर्वी इलाका भी कटाव का शिकार हो गया.
ये भी पढ़ें: