Jharkhand: गिरिडीह में आसमानी बिजली का कहर, एक साथ 40 मवेशियों की मौत से मचा हड़कंप
Giridih News: झारखंड (Jharkhand) के गिरिडीह में आसमानी बिजली की चपेट में आने से मवेशियों की मौत के बाद पशुपालकों की कमर टूट गई है. पशुपालकों ने मुआवजे की मांग की है.
Jharkhand Giridih Lightning Cattle Death: झारखंड में आसमानी बिजली कहर बनकर टूटती है. यहां आसमानी बिजली गिरने की घटनाएं आम हैं. भारतीय मौसम विभाग (Indian Meteorological Department) ने थंडरिंग और लाइटनिंग के खतरों को लेकर देश के जिन 6 राज्यों को सबसे संवेदनशील के तौर पर चिन्हित किया है, झारखंड (Jharkhand) भी उनमें से एक है. ताजा मामला झारखंड के गिरिडीह (Giridih) जिले के देवरी थाना अंतर्गत जेरोडीह गांव में बारिश (Rain) के दौरान वज्रपात से एक साथ 40 मवेशियों की मौत हो गई. करीब 12 दिन पहले भी इसी प्रखंड के गरंगघाट में वज्रपात से 22 मवेशी मारे गए थे.
मुआवजे की मांग
एक साथ बड़ी संख्या में मवेशियों की मौत से पशुपालक परेशान हैं. उन्होंने सरकार से मुआवजे की मांग की है. बताया जा रहा है कि ग्रामीण अपने मवेशियों को जेरोडीह पहाड़ी में चराने ले गए थे. जोरदार बारिश के बीच ग्रामीण दोपहर के समय मवेशियों को छोड़कर लौट गए. इसी बीच मवेशियों के झुंड पर आसमानी बिजली गिरी और वो एक साथ ढेर हो गए. घटना के बाद भेलवाघाटी थाना पुलिस मौके पर पहुंची.
टूट गई पशुपालकों की कमर
प्रभावित पशुपालकों में बबुआ बेसरा, सिरिल बेसरा, चंदन मरांडी, विशुन मुर्मु, संतोष बेसरा, विजय मरांडी, रंजीत मुर्मु, मंगर बेसरा शामिल हैं. इसके पहले विगत 3 सितंबर को देवरी के गरंगघाट स्थित फूफंदीटांड़ में हंजू सोरेन, गोला सोरेन, विशना सोरेन समेत कई लोगों के 22 पशुओं की मौत हुई थी. जिला परिषद सदस्य उस्मन अंसारी ने कहा कि आसमानी आपदा के चलते गांव के छोटे-छोटे पशुपालकों की कमर टूट गई है. जिला प्रशासन की ओर से इन्हें तत्काल मुआवजे का भुगतान किया जाना चाहिए.
एक गांव ऐसा भी
झारखंड में एक गांव ऐसा भी है जहां जब भी बिजली कड़कती है तो लोग सहम जाते हैं. आसमानी बिजली ने इस गांव में इतनी तबाही मचाई है कि इसका नाम ही वज्रमरा पड़ गया है. संभव है कि ये पूरे देश का अकेला ऐसा गांव है, जहां पूरे साल में 500 से भी ज्यादा बार आसमानी बिजली गिरती है. इस गांव का शायद ही कोई ऐसा परिवार है, जिसने वज्रपात की वजह से जान-माल का नुकसान ना उठाया हो.
ऐसे रह सकते हैं सुरक्षित
- बारिश के समय घर से बाहर निकलने से बचें.
- वज्रपात के दौरान पेड़ों के नीचे शरण लेना सबसे खतरनाक है, ऐसा कभी ना करें.
- आसमान में बिजली कड़क रही हो और सुरक्षित स्थान पर नहीं जा पा रहे हैं, तो पैरों के नीचे सूखी चीजें जैसे लकड़ी, प्लास्टिक और बोरा में से कोई एक अपने पैरों के नीचे रख लेना चाहिए.
- ऐसे समय दोनों पैरों को आपस में सटा लेना चाहिए, दोनों हाथों को घुटने पर रखकर अपने सिर को जमीन की ओर यथासंभव झुका लेना चाहिए.
- ध्यान रहे कि सिर को जमीन से ना छुआएं ना ही जमीन पर लेटें.
- पानी की मेटल पाइपलाइन से दूर रहें.
- घर के खिड़कियां, दरवाजे बंद रखें. दरवाजे और मेटल की चीजों के पास खड़े ना हों.
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