Jharkhand Mahadalit House Demolished In Palamu: झारखंड (Jharkhand) में पलामू (Palamu) जिले के टोंगरी पहाड़ी इलाके में मुसहर समुदायों के 50 परिवारों के घरों को ध्वस्त करने और उन्हें गांव से निकालने को लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेताओं ने पीड़ितों से मुलाकात की और उनकी आर्थिक मदद की. राजद के पूर्व विधायक राधाकृष्ण किशोर (Radha Krishna Kishor) ने उन परिवारों से मुलाकात की, जिनको गांव को छोड़ने के लिए मजबूर किया गया था. उन्होंने प्रभावित परिवारों को 10-10 हजार रुपये की मदद दी. किशोर ने आरोप लगाया कि स्थानीय प्रशासन 'परिवारों की रक्षा करने में विफल' रहा. इसके बाद बीजेपी के पलामू से सांसद विष्णु दयाल राम (Vishnu Dayal Ram) के स्थानीय प्रतिनिधि ईश्वरी पांडे ने भी प्रभावित परिवारों से मुलाकात की और उन्हें 10-10 हजार रुपये दिए.
पुलिस ने 3 आरोपियों को किया गिरफ्तार
बता दें कि, पलामू जिले के मुरुमातु में महादलित मुहसर जाति के कई लोगों के साथ मारपीट करने, उन्हें जबरन खदेड़ने और उनके मकान ध्वस्त करने के मामले में पुलिस ने नामजद 3 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. गिरफ्तारी के बाद आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया जहां से उन्हें जेल भेज (Jail) दिया गया है. जिन आरोपियों को जेल भेजा गया है, उनमें एक पंचायत प्रतिनिधि इसरार अंसारी, मुस्लिम समाज के सदर मुमताज अंसारी और सेवानिवृत्त स्वास्थ्यकर्मी रसूल अंसारी शामिल हैं.
'सांप्रदायिक मामला नहीं है'
इस बीच, उपायुक्त ए दोड्डे की तरफ से कहा गया है कि, मामला भूमि विवाद को लेकर है. उन्होंने कहा कि दलित परिवार के पास कोई दस्तावेज नहीं हैं और इन्हें अलग जगह पर सरकारी योजनाओं के तहत आवासीय सुविधा उपलब्ध कराने की दिशा में पहल होगी. उपायुक्त ने बताया कि मुस्लिम समुदाय ने कुछ कागजात प्रशासन को उपलब्ध कराए हैं, जिनके परीक्षण के बाद ही तय होगा कि जमीन की प्रकृति क्या है. एक सवाल के जवाब में दोड्डे ने बताया कि ये किसी भी दृष्टिकोण से सांप्रदायिक मामला नहीं है.
तोड़ दिए गए थे महादलितों के घर
गौरतलब है कि, पलामू जिले के पांडु थानान्तर्गत मुरुमातु गांव के नजदीक टोंगरी पहाड़ी पर बसे मुसहर जाति के 50 से अधिक परिवारों को गांव के ही मुस्लिम युवकों ने सोमवार को कथित तौर पर मारपीट कर भगा दिया था और उनके मकानों को ध्वस्त कर दिया था. इस घटना के सिलसिले में पुलिस ने एक दर्जन नामजद और 150 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी.
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