Jharkhand News: झारखंड हाईकोर्ट ने एक व्यक्ति को झूठे मामले में आठ साल तक जेल में रखने के लिए स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) पर आठ लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. अदालत ने कहा कि यह जुर्माना मंगा सिंह को मुआवजे के रूप में दिया जाएगा और उसे तुरंत जेल से रिहा करने का आदेश दिया. बिहार के निवासी मंगा सिंह ने एक याचिका दायर की थी, जिसमें दावा किया गया था कि उन्हें एनसीबी के आदेश पर जेल में अवैध रूप से रखा गया था. याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति संजय कुमार द्विवेदी की अदालत ने कहा कि ब्यूरो ने झूठा मामला दर्ज किया जिसके कारण मंगा सिंह जेल में रहे.


दरअसल, एनसीबी ने एक गुप्त सूचना के आधार पर मंगा सिंह को छह अक्टूबर 2015 को बिहार के गया जिले के बाराचट्टी के एक होटल से गिरफ्तार किया था. वह होटल में वेटर का काम करता था, जहां से उसे गिरफ्तार कर रांची लाया गया. ब्यूरो ने मंगा सिंह को मादक द्रव्य तस्कर दिखाते हुए रांची में मामला दर्ज किया था. इस बीच गया पुलिस ने होटल और उसके आसपास के इलाकों में जांच की तो पता चला कि वह निर्दोष है. एनसीबी ने भी मामले में अपनी जांच की और पाया कि मंगा सिंह के खिलाफ गलत तरीके से मामला दर्ज किया गया था.


वकील का बयान


वकील ने कहा कि, शख्स बिना किसी जुर्म के आठ साल से जेल में रह रहा है. एनसीबी भी इस केस को फर्जी बता चुकी है. ऐसे में इस केस को खारिज किया जाए. गौरतलब है कि शख्स ने अपने खिलाफ एनसीबी की तरफ से रांची में दर्ज केस को खत्म करने और बिना किसी जुर्म के आठ साल जेल में बिताने को लेकर 50 लाख रुपये का मुआवजा दिलाने की गुजारिश कोर्ट से की थी.



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