Naxalite Commander Arrest: एक करोड़ का इनामी नक्सली कमांडर प्रशांत बोस गिरफ्तार, माओवादियों ने किया भारत बंद का एलान
Jharkhand Naxalite: नक्सली कमांडर प्रशांत बोस (Prashant Bose) उर्फ किशन दा और उनकी पत्नी शीला मरांडी की गिरफ्तारी के विरोध में 20 नवंबर को भारत बंद बुलाया है.
Jharkhand Naxalite Commander Arrest: नक्सली संगठन (Naxalite Organization) भाकपा माओवादी (CPI Maoist) ने शीर्ष नक्सली कमांडर प्रशांत बोस (Prashant Bose) उर्फ किशन दा और उनकी पत्नी शीला मरांडी (Sheela Marandi) की गिरफ्तारी के विरोध में 20 नवंबर को भारत बंद (Bharat Bandh) बुलाया गया है. भाकपा माओवादी के पूर्वी रिजनल ब्यूरो के प्रवक्ता संकेत ने एक प्रेस विज्ञप्ति में ये जानकारी दी है. विज्ञप्ति में कहा गया है कि प्रशांत बोस उर्फ किशन दा संगठन के पोलित ब्यूरो के सदस्य और पूर्वी रिजनल ब्यूरो के सचिव हैं. उन्हें और उनकी पत्नी शीला मरांडी को 12 नवंबर को उस वक्त गिरफ्तार कर लिया गया था, जब वे बीमारी के इलाज के लिए जा रहे थे. इन दोनों की अधिक उम्र और बीमारियों का जिक्र करते हुए उनकी रिहाई की मांग की गई है. संगठन की विज्ञप्ति में कहा गया है कि इन दोनों की गिरफ्तारी के खिलाफ 15 से 19 नवंबर तक प्रतिरोध दिवस मनाया जाएगा और 20 नवंबर को भारत बंद कराया जाएगा.
नक्सली वारदातों को अंजाम देने का है आरोप
बता दें कि, झारखंड पुलिस ने विगत 12 नवंबर को सरायकेला के कांड्रा टोल ब्रिज के पास भाकपा माओवादी नक्सली संगठन में दूसरे नंबर के नेता और एक करोड़ के इनामी प्रशांत बोस उर्फ किशन दा उर्फ बूढ़ा और उसकी पत्नी शीला मरांडी को गिरफ्तार किया था. प्रशांत बोस पर झारखंड सहित बिहार, बंगाल, उड़ीसा, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और आंध्रप्रदेश सहित कई राज्यों में 200 से भी अधिक नक्सली वारदातों को अंजाम देने का आरोप है. पुलिस की विभिन्न एजेंसियां 5 दशकों से उसकी गिरफ्तारी के लिए प्रयासरत थीं.
पुलिस को मिली अहम जानकारी
झारखंड के डीजीपी नीरज सिन्हा ने प्रशांत बोस की गिरफ्तारी को नक्सल विरोधी अभियान में सबसे बड़ी सफलता बताया है. रविवार को प्रशांत बोस और शीला मरांडी दोनों को सरायकेला की अदालत में पेश करने के बाद न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है. डीजीपी ने बताया कि प्रशांत बोस के पास से नक्सलियों द्वारा वसूले गए डेढ़ लाख रुपये और एक पेन ड्राइव भी बरामद किया गया है. पेन ड्राइव में नक्सली संगठनों के बारे में कई महत्वपूर्ण सूचनाएं हैं. इन दोनों से प्रारंभिक पूछताछ में अनेक बड़ी सूचनाएं हाथ लगी हैं.
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