Jharkhand की खनन सचिव Pooja Singhal दूसरे दिन ED के सामने हुईं पेश, दर्ज हुए बयान
Ranchi News: Jharkhand की खनन सचिव Pooja Singhal शोधन जांच के सिलसिले में लगातार दूसरे दिन प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) के समक्ष पेश हुई हैं.
Jharkhand Mining Secretary Pooja Singhal: झारखंड (Jharkhand) की खनन सचिव पूजा सिंघल (Pooja Singhal) खूंटी में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के धन के कथित गबन और अन्य आरोपों से जुड़ी धन शोधन जांच के सिलसिले में लगातार दूसरे दिन प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) के समक्ष पेश हुईं. अधिकारियों ने बुधवार को ये जानकारी दी. वर्ष 2000 बैच की भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) की अधिकारी पूर्वाह्न करीब 10 बजकर 40 मिनट पर हिनू इलाके में एजेंसी के क्षेत्रीय कार्यालय पहुंची. संघीय एजेंसी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत अधिकारी का बयान दर्ज किया. अधिकारी मंगलवार को ईडी के कार्यालय में करीब 9 घंटे तक मौजूद रही थीं.
पति के बयान भी हुए दर्ज
एजेंसी ने उनके कारोबारी पति अभिषेक झा का भी बयान दर्ज किया है. एजेंसी ने मामले के सिलसिले में कोलकाता में फिर से छापे भी मारे. दंपति से पूछताछ ईडी द्वारा नौकरशाह, उनके पति, उनसे जुड़ी संस्थाओं और अन्य के खिलाफ 6 मई को झारखंड और कुछ अन्य स्थानों पर छापेमारी के बाद हुई है. एजेंसी ने चार एसयूवी, एक जगुआर, एक फॉर्च्यूनर और होंडा ब्रांड की 2 कारें भी जब्त की हैं, जो धन शोधन रोधी कानून के तहत गिरफ्तार चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) सुमन कुमार या उससे जुड़े व्यक्तियों के नाम पर थी.
जानें पूरा ममाला
सिंघल और अन्य के खिलाफ ईडी की जांच धन शोधन के उस मामले से संबंधित है जिसमें झारखंड सरकार में पूर्व कनिष्ठ अभियंता राम बिनोद प्रसाद सिन्हा को एजेंसी ने 17 जून, 2020 को पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार किया था. एजेंसी ने सिन्हा को 2012 में पीएमएलए के तहत दर्ज राज्य सतर्कता ब्यूरो की प्राथमिकी का अध्ययन करने के बाद गिरफ्तार किया था. सिन्हा के खिलाफ जनता के धन की धोखाधड़ी करने के आरोप में धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार से संबंधित भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की आपराधिक धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था. सिन्हा ने इस धन को एक अप्रैल 2008 से 21 मार्च 2011 तक कनिष्ठ इंजीनियर के रूप में काम करते हुए अपने नाम के साथ-साथ अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर निवेश किया था.
अनियमितता के आरोप
एजेंसी ने पहले कहा था कि उक्त धन को खूंटी जिले में मनरेगा के तहत सरकारी परियोजनाओं के निष्पादन के लिए रखा गया था. सिन्हा ने ईडी से कहा, ''उन्होंने जिला प्रशासन को पांच प्रतिशत कमीशन (धोखाधड़ी किए गए धन में से) का भुगतान किया.'' ईडी ने आरोप लगाया कि सिंघल के खिलाफ उस अवधि में ''अनियमितताएं करने'' के आरोप लगाए गए हैं जब उन्होंने 2007 और 2013 के बीच चतरा, खूंटी और पलामू के उपायुक्त/जिला मजिस्ट्रेट के रूप में कार्य किया था.
17 करोड़ रुपये से अधिक नकदी जब्त
एजेंसी ने इस मामले में कुमार को सात मई को उसके परिसर से 17 करोड़ रुपये से अधिक नकदी जब्त करने के बाद गिरफ्तार किया था. वो 11 मई तक ईडी की हिरासत में हैं. ईडी आईएएस अधिकारी और उनके पति के साथ कुमार के कथित संबंध की जांच कर रही है.
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