Jharkhand News: झारखंड में सांसद और विधायकों से संबंधित मामले की सुनवाई करने वाली एक विशेष अदालत ने झारखंड के मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर को 2014 में विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान चुनाव आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में बुधवार को बरी कर दिया है. गढ़वा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत चामा में मतदाताओं को प्रभावित करने के आरोप में संबंधित निर्वाचन अधिकारी ने उनके खिलाफ मामला दर्ज किया था. सांसद-विधायक विशेष अदालत ने उन्हें यह कहते हुए बरी कर दिया कि झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) नेता के खिलाफ कोई ठोस सबूत पेश नहीं किया गया.


क्या था पूरा मामला
मामला 2014 विधानसभा के चुनाव के दौरान का है. गढ़वा के मेराल प्रखंड के चामा बूथ पर विधानसभा की वोटिंग चल रही थी. इस दौरान आरोप लगा था कि मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर वोटरों को लुभाने के लिए अनधिकृत कार्य कर रहे है. इसको लेकर बूथ के अंदर प्रवेश करने और दुर्व्यवहार का मामला मेराल के अंचलाधिकारी की तरफ से दर्ज करवाया गया था. आपको बता दें कि मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर 2014 में गढ़वा से विधानसभा चुनाव में उतरे थे. लेकिन 2014 के चुनाव में सत्येंद्र तिवारी ने उन्हें पराजित करा. फिर 2019 के विधानसभा चुनाव में मितिलेश ठाकुर ने जीत दर्ज की.


मामले को लेकर 15 लोगों की हुई गवाही
इस मामले को लेकर न्यायालय की तरफ से 15 लोगों की गवाही ली गई थी. जिरह के दौरान मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर पर लगाए गई आरोपों को साबित नहीं किया जा सका. जिसको लेकर न्यायालय की तरफ से मंत्री को बरी करने का आदेश दिया गया. आपको बता दें कि न्यायाधीश  सतीश कुमार मुंडा की अदालत में झारखंड के पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर बुधवार को पेश हुए थे. उनके साथ उनके वकील गढ़वा के परेश कुमार शामिल भी थे. इस दौरान अदालत ने साक्ष्य के अभाव में उन्हें बरी करने का फैसला सुनाया.


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