झारखंड के नगर विकास एवं आवास विभाग के मंत्री सुदिव्य कुमार ने कहा है कि विभागीय मंत्री के तौर पर राज्य के शहरी क्षेत्रों में भवनों को रेगुलराइज करना उनकी प्राथमिकता होगी. उन्होंने कहा कि शहरों में शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी भी नगर विकास विभाग की है. प्रत्येक शहर में पेयजल की उपलब्धता और आपूर्ति की स्थिति की समीक्षा कर इस दिशा में आवश्यक कदम उठाए जाएंगे.


'अधिकारियों से ली जाएगी योजनाओं से जुड़ी जानकारी'


शुक्रवार को मंत्रालय के आवंटन के बाद पहली बार नगर विकास एवं आवास विभाग पहुंचे मंत्री सुदिव्य कुमार का विभाग के प्रधान सचिव सुनील कुमार ने स्वागत किया. इस अवसर पर मंत्री ने अपनी प्राथमिकताएं गिनाईं. उन्होंने कहा कि शहरों में स्वच्छता एवं पर्यावरण की सुरक्षा के लिए सीवरेज सिस्टम को दुरुस्त करने पर विशेष बल दिया जाएगा. नगर निकायों के संसाधनों और आधारभूत संरचना को विकसित कर उनकी स्थिति सुदृढ़ की जाएगी. जल्द ही नगरों के विकास, शहरों के सौंदर्यीकरण और प्राथमिक सुविधाओं से संबंधित चालू योजनाओं की जानकारी विभागीय अधिकारियों से ली जाएगी.


फाइन के लिए रियायती स्लैब तैयार


उल्लेखनीय है कि झारखंड सरकार ने शहरी क्षेत्रों में बिना वैध नक्शा के बनाए गए लगभग सात लाख मकानों को रेगुलराइज करने का फाइनल मसौदा इस साल जनवरी में ही तैयार कर लिया था. इसमें प्रस्ताव किया गया है कि स्वीकृत नक्शे के बगैर किए निर्माण को रेगुलराइज करने के लिए फाइन वसूला जाएगा. फाइन के लिए रियायती स्लैब तैयार किया गया है, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इसका लाभ उठा सकें.


फाइनल मसौदा तैयार करने वाली समिति ने ओडिशा, मध्य प्रदेश और तेलंगाना के मॉडलों का अध्ययन किया था. इसके पहले आम लोगों से भी इस प्रस्तावित योजना को अधिक प्रभावी और सरल बनाने के लिए सुझाव और फीडबैक मांगे गए थे. माना जा रहा है कि अब नई सरकार इस पॉलिसी को जल्द ही अंतिम रूप दे देगी.


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