Jharkhand: झारखंड विधानसभा में गूंजा विधायकों की सैलरी बढ़ाने का मुद्दा, CM सोरेन ने दिया ये जवाब
Jharkhand MLA Salary: बीजेपी MLA भानु प्रताप साही ने कहा कि विधायकों, मंत्रियों, स्पीकर और मुख्यमंत्री के वेतन में संशोधन का मामला 2016 से लंबित है. JMM सहित अन्य विधयकों ने भी मांग का समर्थन किया.
Jharkhand Legislators Salary Hike: पार्टी लाइन से ऊपर उठकर झारखंड विधानसभा (Jharkhand Assembly) में कई विधायकों ने शुक्रवार को वेतन वृद्धि (Salary Hike) की मांग उठाई. उन्होंने दावा किया कि उनका वेतन संशोधन 2016 से लंबित है. स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग को अनुदान देने की मांग पर हो रही चर्चा के बीच बीजेपी विधायक भानु प्रताप साही (Bhanu Pratap Sahi) खड़े हुए और उन्होंने विधायकों की सैलरी बढ़ाने का मुद्दा उठाया.
विधायक बोले- सीएम से चाहता हूं आश्वासन
भानु प्रताप साही ने कहा कि मैं 2016 से लंबित विधायकों, मंत्रियों, स्पीकर और मुख्यमंत्री के वेतन में बढ़ोतरी का अनुरोध करता हूं. उन्होंने कहा की सदन में सभी लोगों ने इस मुद्दे पर अपनी सहमति दे दी है. मैं सीएम से इस पर आश्वासन चाहता हूं.
JMM विधायक ने भी किया साही की मांग का समर्थन
वहीं भानु प्रताप साही का समर्थन करते हुए जेएमएम विधायक समीर मोहंती ने कहा कि इस मुद्दे को गंभीरता से लिया जाना चाहिए. वहीं, JVM-P के टिकट पर साल 2019 में विधानसभा का चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस में शामिल होने वाले विधायक प्रदीप यादव ने भी इन दोनों विधायकों की मांग का समर्थन करते हुए कहा कि महंगाई को देखते हुए उनकी सैलरी में वृद्धि होनी चाहिए.
मांगों पर उचित और निष्पक्ष निर्णय लेगी सरकार- सीएम सोरेन
वहीं उनकी मांगों का जवाब देते हुए सीएम हेमंत सोरेन ने कहा सरकार उनकी मांगों पर उचित और निष्पक्ष निर्णय लेगी. उन्होंने कहा कि अध्यक्ष के साथ चर्चा के बाद एक सकारात्मक कदम उठाया जाएगा. सीएम के आश्वासन के बाद स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग को अनुदान देने की मांग को ध्वनि मत से पारित कर दिया गया.
झारखंड में कैसे होगी OPS बहाल, सामने आ रही ये समस्या
इससे पहले झारखंड सरकार राज्य में पहले ही पुरानी पेंशन योजना (OPS) की बहाली की घोषणा कर चुकी है, लेकिन ओपीएस की बहाली को लेकर उसके सामने एक बड़ी समस्या आ रही है. ओपीएस की बहाली के लिए राज्य सरकार को केंद्र सरकार के पास पड़े एनपीएस कोष को वापस लेना होगा, जिसे केंद्र सरकार ने देने से साफ मना कर दिया है. केंद्र सरकार ने मंगलवार को कहा था कि पुरानी पेंशन योजना को फिर से शुरू करने की इच्छा रखने वाले पांच गैर-बीजपी शासित राज्यों द्वारा मांगे जा रहे संचित एनपीए कोष की वापसी के लिए PFRDA एक्ट में कोई प्रावधान नहीं है.
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