Simdega Mob Lynching Case: भीड़ की एक और भयावह तस्वीर झारखंड के सिमडेगा (Simdega) से सामने आई है. यहां 34 वर्षीय युवक संजू प्रधान (Sanju Pradhan) को पहले लाठी-डंडों से पीटा गया और फिर उसी के घर में पड़े लकड़ी के ढ़ेर में आग लगाकर उसे जिंदा जला दिया गया. मृतक की पत्नी (Wife) ने आरोप लगाया है कि वो रो-रोकर सबसे रहम की भीख मांगती रही लेकिन किसी को उसपर तरस नहीं आया. मौके पर मौजूद पुलिस (Police) ने भी उसके पति को बचाने की कोई कोशिश नहीं की और तमाशबीन बनी रही. 


पत्नी ने गांव के प्रधान पर लगाया आरोप
पूरे घटनाक्रम के बाद जिले के उपायुक्त जब गांव पहुंचे तो मृतक की पत्नी सपना ने रो-रोकर पूरी आपबीती सुनाई. पीड़िता ने उपायुक्त को बताया कि मंगलवार दोपहर लाठी-डंडों से लैस दर्जनों लोग उसके घर पर आ धमके और उसके पति को जबरन उठा कर ले गए. संजू को ले जाने वाले लोग पास के बंबलकेरा के रहने वाले थे. भीड़ ने संजू को पंचायत में ले जाकर उस पर पेड़ की कटाई का आरोप लगाते हुए मारना शुरू कर दिया. परिवार का कहना है कि संजू इलाके में गोकशी और जुए का विरोध करता था और इसलिए उस पर पेड़ काटने का झूठा आरोप लगाया गया. सपना ने उपायुक्त और एसपी से कहा कि लोगों को इस घटना के लिए उकसाने के पीछे ग्राम प्रधान का हाथ है.


गांव में लागू है खूंटकट्टी का नियम
इधर संजू प्रधान की पत्नी के आरोपों पर गांव वालों का कहना है कि इलाके में आदिवासी परंपरा के मुताबिक खूंटकट्टी का नियम लागू है. इस नियम के मुताबिक कोई भी व्यक्ति पंचायत के अनुमति के बिना पेड़ नहीं काट सकता. लेकिन, संजू बार-बार चेतावनी दिए जाने के बाद भी उसे अनसुना कर रहा था. गांव वालों का कहना है कि इसकी सूचना वन विभाग को दी गई थी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. इसके बाद ही लोगों ने आवेश में आकर उसे मार डाला. पेड़ की कटाई के आरोप पर अपनी बात रखते हुए मृतक की पत्नी ने कहा कि उसके पति ने कोई नियम नहीं तोड़ा बल्कि उसने घर बनाने के लिए पेड़ खरीदने के बाद उसे काटा था.


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