Monkeypox Virus Advisory in Jharkhand: देश में मंकीपॉक्स (Monkeypox) के मामले लगातार बढ़ रहे है. मंकीपॉक्स के बढ़ते मामलों को देखते हुए झारखंड (Jharkhand) में एहतिहाति कदम उठाए जा रहे हैं. झारखंड में स्वास्थ्य विभाग (Health Department) ने सभी जिलों को अलर्ट जारी कर दिया है. सदर अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड तैयार रखने को कहा गया है. इसी क्रम में तमाम जिलों में आइसोलेशन वार्ड (Isolation Ward) तैयार करने की कवायद भी शुरू हो गई है. स्वास्थ्य विभाग की तरफ से इसे लेकर सभी सिविल सर्जन को एडवाइजरी भी जारी की गई है.
रांची सदर अस्पताल में बना आइसोलेशन वार्ड
झारखंड की राजधानी रांची के सदर अस्पातल में मंकीपॉक्स का इलाज करने के लिए ऊपरी तल्ले पर आइसोलेशन वार्ड बना भी दिया गया है. यहां पर करीब 20 बेड रखे गए हैं. मंकीपॉक्स के मरीजों को यहीं रखा जाएगा और 24 घंटे वो डाक्टरों की निगरानी में ही रहेंगे. सदर अस्पातल में कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए तीसरे तल्ले पर इलाज के लिए पहले से व्यवस्था की गई है.
क्या है मंकीपॉक्स
मंकीपॉक्स एक वायरस है, जो रोडेन्ट और प्राइमेट जैसे जंगली जानवरों में पैदा होता है. इससे कभी-कभी मानव भी संक्रमित हो जाता है. मानवों में अधिकतर मामले मध्य और पश्चिम अफ्रीका में देखे गए हैं, जहां इस बीमारी की पहचान सबसे पहले वैज्ञानिकों ने 1958 में की थी. मंकीपॉक्स वायरस का इसके नाम के मुताबिक बंदरों से कोई सीधे लेना-देना नहीं है. इंसानों में इस वायरस का पहला मामला मध्य अफ्रीकी देश कांगो में 1970 में मिला था. 2003 में अमेरिका में इसके मामले सामने आए थे. साल 2022 में इसका पहला मामला मई के महीने में यूनाइटेड किंगडम में सामने आया. इसके बाद से ये वायरस यूरोप, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया समेत कई देशों में पैर पसार चुका है.
लक्षणों को ना करें नजरअंदाज
डॉक्टरों का कहना है कि, जो भी संक्रमित या संदिग्ध मरीज होता है, उसके स्किन का सैंपल जांच के लिए पुणे भेजा जाता है. मंकीपॉक्स के लक्षणों में अगर किसी व्यक्ति ने उन अंतरराष्ट्रीय देशों में यात्रा की है जहां पर मंकीपॉक्स के मामले आ रहे हैं. बुखार, आंखों में लाल पन, जोड़ों में दर्द हो तो व्यक्ति को तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.
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