Jharkhand News: झारखंड विधानसभा में मानसून सत्र का दूसरा दिन भी हंगामों से भरा रहा. जहा एक ओर सत्ता पक्ष के विधायक मणिपुर में हो रही हिंसा पर विरोध जताया. वहीं विपक्षी दूसरे तरफ राज्य में नियोजन नीति लागू करने और राज्य में बढ़ते अपराध पर विधि व्यवस्था को लेकर धरना दिया. बता दें कि, मानसून सत्र में सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने सामने दिख रहे थे. वहीं चंदनकियारी विधायक अमर कुमार बाउरी ने कहा कि, मणिपुर की चिंता करने के लिए वहां पर सरकार है, नेता हैं, अधिकारी हैं, लेकिन झारखंड के लिये शर्म की बात है कि सरकार अपने राज्य की चिंता न करते हुए मणिपुर की चिंता में व्यस्त है.


अमर कुमार  ने आगे कहा कि, जबकि यहां लाखों की संख्या में युवा बेरोजगार हैं. नियोजन नीति लागू न होने के कारण लाखों युवाओं को उसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है. राज्य की विधि व्यवस्था इतनी चरमराई हुई है कि दिनदहाड़े घर में घुसकर लोगों की हत्या की जा रही है. आदिवासी महिलाओं के साथ दुष्कर्म जैसी घटनाएं हो रही हैं. राज्य का दलित खुद को डरा सहमा महसूस कर रहा हैं, फिर भी सरकार मणिपुर के मुद्दे पर अपना समय बर्बाद कर रही है.


आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो ने क्या कहा?


बीजेपी विधायक जयप्रकाश पटेल ने कहा कि, झारखंड की आदिवासी माता बहनें असुरक्षित हैं और सरकार में भष्टाचार चरम सीमा पर है. वहीं सरकार इन मुद्दों को डायवर्ट करने में लगी है. वहीं आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो ने सत्ता पक्ष और विपक्ष के प्रदर्शन पर कहा कि, यदि सरकार मणिपुर जैसे मुद्दे पर अपनी बात रख रही है तो उन्हें झारखंड में आए दिन होने वाले घटनाओं पर भी अपना जवाब देना चाहिए. हालांकि, उन्होंने सभी दल को एक साथ बैठाकर राज्य की विधि व्यवस्था को कैसे सुधारा जाए इस पर विचार करने का अपना सुझाव भी दिया. उन्होंने कहा, चाईबासा, रांची आदि जगहों पर इस तरह की की घटना हो रही है वह सरकार के लिए और विपक्ष के लिए भी चिंता का विषय है. सरकार को जल्द ही झारखंड में हो रहे आपराधिक घटनाओं पर अंकुश लगाने की जरूरत है.





ये भी पढ़ें- Jharkhand Road Accident: झारखंड के लातेहार में बस और ट्रेलर में भीषण टक्कर, 13 घायल, दो की हालत गंभीर