Jharkhand News: झारखंड में सोमवार (23 सितंबर) से 'मंइयां सम्मान यात्रा' की शुरुआत होने जा रही है. प्रदेश के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर ये यात्रा निकाली जा रही है. झारखंड मुख्यमंत्री मंइयां सम्मान योजना समेत अन्य योजनाओं को मिले अपार समर्थन, लोकप्रियता और सफलता को लेकर महिलाओं के प्रति आभार जताने के लिए मंइयां सम्मान यात्रा निकलेगी.
गढ़वा के बंशीधर नगर से मंइयां सम्मान यात्रा का शुभारंभ होगा. इस दौरान प्रदेश की मंत्री बेबी देवी, दीपिका पांडेय सिंह और विधायक कल्पना सोरेन रहेंगी मौजूद. मुख्यमंत्री का संकल्प है कि राज्य की महिलाएं पूरे मान-सम्मान और स्वाभिमान के साथ जिंदगी जी सकें.
योजना से अबतक 45 लाख महिलाएं जुड़ीं
झारखंड सरकार का मानना है कि मुख्यमंत्री के अब तक के साढ़े चार वर्षों के कार्यकाल में अलग-अलग योजनाओं के माध्यम से आधी आबादी का लगातार सशक्तिकरण किया जा रहा है. इसी कड़ी में मुख्यमंत्री ने एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए झारखंड मुख्यमंत्री मंइयां सम्मान योजना की शुरुआत की है. इस योजना से अब तक रिकॉर्ड 45 लाख महिलाएं एवं बहन-बेटियां जुड़ चुकी हैं.
इस योजना के जरिए सभी को हर वर्ष 12 हजार रुपये सम्मान राशि दी जाएगी, जिसकी पहली दो किस्त बहन- बेटियों के बैंक खाते में डीबीटी के माध्यम से हस्तांतरित की जा चुकी है. पलामू प्रमंडल में तीन दिनों तक मंइयां सम्मान यात्रा मंत्री बेबी देवी, मंत्री दीपिका पांडेय सिंह और विधायक कल्पना सोरेन मंइयां सम्मान यात्रा का नेतृत्व करेंगी.
मंइयां सम्मान यात्रा कहां-कहां निकाली जाएगी?
मंइयां सम्मान यात्रा 23 सितंबर को गढ़वा के बंशीधर नगर, रमना और मेराल में निकाली जाएगी. वहीं, 24 सितंबर को गढ़वा, मझियांव, हैदर नगर, हुसैनाबाद, छतरपुर, नावा मोड़ पाटन और दलित छात्रावास, डाल्टनगंज जाएगी. इसके साथ ही 25 सितंबर को मेदिनी नगर, सतबरवा, बकोरिया, लातेहार, चंदवा, बालूमाथ, हेरहंज और पांकी में यात्रा निकलेगी. इस यात्रा के दरमियान कई आम सभाएं और अन्य कार्यक्रम होंगे, जिनके माध्यम से महिलाओं से सीधा संवाद कर उनका आभार जताया जाएगा.
हेमंत सोरेन सरकार की योजनाएं
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने अब तक कर साढ़े चार वर्षों के कार्यकाल में आधी आबादी को सशक्त और स्वावलंबी बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं. इस कड़ी में 50 वर्ष से अधिक उम्र की सभी महिलाओं, सिंगल महिला और परित्यक्ता को यूनिवर्सल पेंशन स्कीम का लाभ दिया जा रहा है. वहीं, बच्चियों को पढ़ाने की जिम्मेवारी राज्य सरकार उठा रही है. इसके लिए सावित्रीबाई किशोरी समृद्धि योजना से अब तक 9 लाख बच्चियों को जोड़ा जा चुका है.
वहीं फूलो-झानो आशीर्वाद योजना के तहत महिलाओं को सम्मानजनक आजीविका से जोड़ने के लिए 50 लाख रुपये तक की सहायता राशि दी जा रही है. अब तक 36 हजार महिलाएं इस योजना का लाभ ले चुकी हैं. इसके अलावा कई ऐसी योजनाएं हैं, जिसके जरिए बच्चियों के जन्म से उनके बुढ़ापे तक की जिम्मेदारी सरकार ले रही है.
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