Jharkhand Mukti Morcha Protest: झारखंड (Jharkhand) की सत्ताधारी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा (Jharkhand Mukti Morcha) ने टाटा समूह (Tata Group) के खिलाफ आंदोलन और तेज करने की चेतावनी दी है. पार्टी के 7 विधायकों ने कहा है कि टाटा समूह अपनी एक कंपनी टाटा कमिंस के मुख्यालय को झारखंड से हटाकर दूसरी जगह ले जाना चाहती है, जो गलत है. उनकी मांग है कि टाटा समूह अपने इस फैसले को तत्काल रद्द करे और कंपनी की सभी इकाइयों में तृतीय और चतुर्थ वर्ग की 75 प्रतिशत नौकरियां स्थानीय लोगों के लिए आरक्षित करे.
की जाएगी आर्थिक बंदी
जेएमएम नेताओं ने ये भी कहा कि अगर कंपनी से ऐसा नहीं किया तो 20 दिनों के बाद कंपनी के खिलाफ अनिश्चितकालीन आर्थिक बंदी की जाएगी. झारखंड में स्थित कंपनी की किसी भी इकाई के अंदर ना तो कच्चा माल जाने दिया जाएगा और ना ही कारखानों में बना कोई उत्पाद बाहर आने दिया जाएगा.
सीएम हेमंत सोरेन ने अब तक कुछ नहीं कहा
बीते 17 नवंबर को झारखंड मुक्ति मोर्चा के 5 विधायकों की अगुवाई में पार्टी के हजारों कार्यकतार्ओं ने जमशेदपुर और चाईबासा में टाटा समूह के सभी कार्यालयों और लौह अयस्क खदानों का गेट 10 से 12 घंटे तक जाम रखा था. टाटा समूह के खिलाफ इस आंदोलन को लेकर झारखंड के मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने अब तक कुछ भी नहीं कहा है. लेकिन, पार्टी के केंद्रीय प्रवक्ता विनोद पांडेय का कहना है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा का ये स्पष्ट स्टैंड है कि राज्य में मौजूद सभी निजी कंपनियों को स्थानीय लोगों के लिए 75 प्रतिशत नौकरियां आरक्षित करनी होंगी. टाटा समूह को भी हमारी पार्टी की मांग मान लेनी चाहिए.
ये विधायक कर रहे हैं विरोध
टाटा समूह की झारखंड में स्थित कंपनियों और उत्पादन इकाइयों में आंदोलन की कमान झारखंड मुक्ति मोर्चा के जिन 7 विधायकों ने संभाली है, उनमें घाटशिला के विधायक रामदास सोरेन, पोटका के विधायक संजीब सरदार, ईचागढ़ की विधायक सविता महतो, चक्रधरपुर के विधायक सुखराम उरांव, खरसावां के विधायक दशरथ गगराई, मझगांव के विधायक निरल पूर्ति और जुगसलाई के विधायक मंगल कालिंदी शामिल हैं. उन्होंने कहा है कि इस आंदोलन से जुड़ी मांगों को लेकर मंत्री चंपई सोरेन को अवगत करा दिया गया है. उनसे कहा गया है कि इस संबंध में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से बात करें.
सीएम से बात करेंगे चंपई सोरेन
इस बीच मंत्री चंपई सोरेन ने कहा है कि पार्टी के विधायकों और नेताओं-कार्यकतार्ओं के आंदोलन से जुड़ी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जल्द ही वार्ता की जाएगी.
टाटा ने कही ये बात
इधर, टाटा समूह की कंपनी टाटा कमिंस ने आधिकारिक तौर पर कहा है कि कंपनी का रजिस्टर्ड कार्यालय बाहर ले जाने का निर्णय प्रशासनिक दृष्टि से लिया गया और इससे झारखंड में कंपनी के कामकाज पर कोई असर नहीं पड़ेगा. हम जमशेदपुर में अपने कारोबार के संचालन के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं.
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