Jharkhand Mukti Morcha Protest: झारखंड मुक्ति मोर्चा (Jharkhand Mukti Morcha) ने जमशेदपुर (Jamshedpur) में टाटा कमिंस सहित टाटा समूह की कुछ कंपनियों के कार्यालय स्थानांतरित करने के विरोध में टाटा समूह की कंपनियों (Tata Group of Companies) के सामने विरोध प्रदर्शन किया. इसके साथ-साथ पश्चिमी सिंहभूम जिले में टाटा की तरफ से संचालित खदानों के सामने भी झामुमो समर्थकों ने धरना दिया. दीपक बिरुआ सहित झामुमो नेताओं ने नोवामुंडी, बड़ाजामदा में टाटा की खदानों और पश्चिमी सिंहभूम जिले में 'लोडिंग साइट' के सामने धरने का नेतृत्व किया. झारखंड मुक्ति मोर्चा ने प्रस्ताव वापस नहीं लेने पर आंदोलन तेज करने की धमकी दी है.
महाराष्ट्र जाने की है योजना
घाटशिला से झामुमो विधायक एवं पूर्वी सिंहभूम पार्टी जिला अध्यक्ष रामदास सोरेन (Ramdas Soren) के साथ ही विधायक संजीब सरदार और मंगल कलिनिदी के नेतृत्व में सत्ताधारी दल के कार्यकर्ताओं ने टाटा कंपनियों के प्रवेश द्वारों के सामने धरना दिया जिससे यातायात भी बाधित हुआ. इस दौरान झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेताओं ने कहा कि वो टाटा कंपनी के प्रधान कार्यालयों को झारखंड से बाहर स्थानांतरित करने का विरोध कर रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि टाटा मोटर्स और टाटा कमिंस ने महाराष्ट्र जाने की योजना बनाई है.
नहीं कर सकते स्वीकार
टेल्को इलाके में टाटा मोटर्स के मुख्य द्वार पर पार्टी कार्यकर्ताओं के धरने का नेतृत्व कर रहे रामदास सोरेन ने कहा कि, ''हमने उन्हें जमीन दी है, हमारे लोग विस्थापित हुए ताकि टाटा यहां हमारी जमीन पर अपने संयंत्र स्थापित कर सके. अब वो महाराष्ट्र जाना चाहते हैं, हम इसे स्वीकार नहीं कर सकते.''
ये हक की लड़ाई है
विधायक संजीब सरदार ने कहा कि 'ये हक की लड़ाई है जल, जंगल और जमीन के लिए अब झारखंड के लोगों के लिए हक की लड़ाई जारी रहेगी. झारखंड के लोगों के अधिकार पर किसी की बुरी नजर झामुमो कतई बर्दाश्त नहीं करेगा. टाटा कंपनी को अपना फैसला बदलना होगा.'
निवेश के अवसरों पर पड़ेगा प्रतिकूल प्रभाव
इस बीच, सिंहभूम चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज (एससीसीआई) ने आंदोलन का कड़ा विरोध करते हुए कहा कि सत्तारूढ़ दल की तरफ से इस तरह के कृत्यों से राज्य में संभावित निवेश के अवसरों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा. टाटा समूह के सूत्रों ने कहा कि आंदोलन के दौरान उनके संयंत्रों में उत्पादन और अन्य गतिविधियां सामान्य रहीं.
मुंबई में पंजीकृत है कार्यालय
हालांकि, टाटा मोटर्स का पहले ही कई वर्षां से मुंबई में प्रधान कार्यालय पंजीकृत है, जबकि टाटा कमिंस ने लगभग 3 साल पहले अपना प्रधान कार्यालय पुणे स्थानांतरित कर दिया था. दोनों कंपनियों की जमशेदपुर में बड़ी उत्पादन इकाइयां हैं और दोनों ने जमशेदपुर के औद्योगिक शहर से बाहर निकलने का कोई संकेत नहीं दिया है.
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